सिंगापुर में भारतीय मूल के वरिष्ठ मंत्री ने छोड़ा मंत्री पद, अब लड़ेंगे राष्ट्रपति का चुनाव
सिंगापुर में हर छह साल में होने वाला राष्ट्रपति चुनाव इस साल वर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का कार्यकाल खत्म होने से पहले होना है।
सिंगापुर। सिंगापुर की राजनीति के दिग्गज माने जाने वाले भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम् इस वर्ष होने वाला राष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने मंत्री पद छोड़ने के साथ सभी राजनीतिक व आधिकारिक पदों से इस्तीफा दे दिया है।
सिंगापुर में हर छह साल में होने वाला राष्ट्रपति चुनाव इस साल वर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का कार्यकाल खत्म होने से पहले होना है। उनका कार्यकाल 13 सितंबर को खत्म हो रहा है। सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिए कड़े नियम और शर्तें हैं। राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को सिंगापुर का नागरिक होना आवश्यक है। उसकी उम्र 45 से ज्यादा होनी चाहिए और वह सिंगापुर में कम से कम 10 साल से रह रहा हो। नामांकन के दौरान वह किसी भी पार्टी से जुड़ा न हो और उसने सार्वजनिक और निजी सेवा में कम से कम 20 साल तक काम किया हो।
राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए भारतीय मूल के 66 वर्षीय थर्मन शनमुगरत्नम ने पीपुल्स एक्शन पार्टी सहित मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे दिया। थर्मन ने साल 2001 में राजनीति में कदम रखा था। इस दौरान उन्होंने कैबिनेट में कई पद भी संभाले। वह देश के उप-प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री और वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण और वास्तविक केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष और सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी के उपाध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। थर्मन आर्थिक विकास बोर्ड की अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
पिछले दो दशकों से अधिक समय तक देश की जनता के लिए काम करने के बाद अब वह सभी राजनीतिक और आधिकारिक पदों से इस्तीफा देकर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनकी आखिरी संसदीय बैठक पर सदन की नेता इंद्राणी राजा ने कहा कि हम थर्मन और उनके प्रभावशाली भाषणों को बहुत याद करेंगे। उनका सबसे बड़ा तोहफा जटिल आर्थिक सिद्धांतों को सरल बनाना है। हम उनकी बुद्धिमता और हास्य को भी बहुत याद करेंगे। यहां ज्यादातर लोग उन्हें एक दोस्त और संसद के सदस्य के तौर पर याद करेंगे।