Iran Helicopter Crash: क्या मोसाद ने रची ईरानी राष्ट्रपति रईसी की मौत की साजिश, आया बड़ा अपडेट, जानें
हेलिकाप्टर हादसे के बाद करीब 12 घंटे बाद राहत और बचाव के दौरान तुर्की के ड्रोन ने मलबे का पता लगाया।iran president राष्ट्रपति की मौत की खबर से पूरे देश में इस वक्त सन्नाटे का माहौल है।
Iran Helicopter Crash: तेहरान। ईरान के विदेश मंत्री और इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर iran president helicopter crash की यात्रा के दौरान अजर बैजान की सीमा के समीम हादसे में मौत हो गई। लेकिन जैसे ही राष्ट्रपति के मौत की खबर वहां से ऐलान की गई, सोशल मीडिया पर इस बात की अटकलें लगाई जाने लगी कि उनकी मौत हादसे में नहीं हुई उन्हें मारा गया है।
हेलिकाप्टर हादसे के बाद करीब 12 घंटे बाद राहत और बचाव के दौरान तुर्की के ड्रोन ने मलबे का पता लगाया।iran president राष्ट्रपति की मौत की खबर से पूरे देश में इस वक्त सन्नाटे का माहौल है। लेकिन इन सब के बीच एक ऐसे व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है कि इसके पीछे एक आदमी का हांथ हो सकता है और वो है मोसाद, MOSAAD राष्ट्रपति की मौत के बाद इस व्यक्ति का नाम उनकी मौत के साथ लिया जा रहा है। पर क्यों लिया जा रहा है मोसाद का नाम आइए आपको बताते हैं।
आपको बता दे कि बीते दिनों से ईरान और इजराइल पर तनाव की स्थिति है और ऐसे समय पर राष्ट्रपति रईसी की मौत होना यह आशंका जाहिर कर रही है। इन सब के पीछे इजरायली एजेंसी मोसाद का हांथ हो सकता। वहीं कुछ दिन पहले ही अभी इजरायल और ईरान दोनों ने एक-दूसरे पर जोरदार मिसाइल हमला भी किया था।
क्या है मोसाद का इतिहास
मोसाद इजराइल के जन्म से पहले "हग्गाना" नाम से जाना जाता था मोसाद का जन्म 13 दिसंबर 1949 एक केन्द्रीय संस्थान के रूप में हुआ। उस समय के प्रधान मंत्री डेवीड बेन गुरियन एक केंद्रीय समन्वय और मौजूदा सुरक्षा सेवाओं सेना के खुफिया विभाग के बीच सहयोग कर सके। मगर फिर 1951 के मार्च महीने में फिर से पुनर्गठित किया गया। द को किलिंग मशीन भी कहा जाता हैं क्योंकि यह इजराइल के खिलाफ कुछ भी करने वाले लोगों को दुनिया के किसी भी कोने से खोज निकालते हैं और एक विषेस संदेश के साथ उन्हें समाप्त करते हैं।
चर्चा में क्यों है मोसाद
हालांकि इन सब के बीच सोशल मीडिया के राष्ट्रपति रईसी की मौत होना यह आशंका जाहिर कर रही है अब ईरान युद्ध छेड़ सकता है। ईरान इसका बहुत ही करारा जवाब दे सकता है। इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायल का टारगेट ईरान का परमाणु कार्यक्रम और ईरानी सेना है।