अमेरिका में भारत के प्रति चीन की सैन्य अक्रामकता का निंदा प्रस्ताव बना कानून
वाशिंगटन। भारत और चीन के बीच जो काफी समय से विवाद की स्थिति बनी हुई थी। उस में अब एक ट्विस्ट आया है। अमेरिकी संसद में इससे सबंधित एक बिल पास किया गया है। जिसके तहत भारत के प्रति चीन की सैन्य आक्रामकता की निंदा करने वाला प्रस्ताव अब कानून बन गया है। जिसका नाम राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार एक्ट (एनडीएएए) है। ये कानून अमेरिका में 740 बिलियन डॉलर के रक्षा नीति बिल में शामिल किया हैl अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस बिल पर वीटो लगाया था। जिसे अमेरिका की संसदीय समिति ने रद्द कर कानून का रूप दे दिया है।
अमेरिका में इस कानून के पारित होने के बाद भारत-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा की चीन की एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर भारत के प्रति हिंसक आक्रामकता कतई सहने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि हम नए साल पर इस कानून को पारित कर भारत और दुनियाभर में हमारे सभी सहयोगियों को समर्थन और एकजुटता का स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं।इसके साथ ही कृष्णमूर्ति ने कहा की चीन जल्दी ही भारत के साथ अपने विवाद को हल करें और उचित निर्णय लें क्योकि चीन का सीमा विवाद पूरी तरह निराधार हैl इस मुद्दे पर कानून बना अमेरिका ने स्पष्ट रूप से चीन का कड़ा संदेश देने के साथ भारत के साथ मित्रता की प्रतिबद्धता जताई है।गौरतलब है की भारत और चीन के बीच एलएसी पर सैन्य तनाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों ओर से कई चरणों की वार्ता होने के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकला है।