अब चीन के रवैये से केवल भारत नहीं बल्कि जापान भी परेशान

Update: 2020-07-04 08:00 GMT

नई दिल्ली। चीन के रवैये से केवल भारत नहीं बल्कि कई देश परेशान हैं और ड्रैगन के खिलाफ उठती आवाजों के बीच जापान ने शी चिनपिंग के आधिकारिक दौरे को रोकने जा रहा है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से जापान ने शी के दौरे को अप्रैल में टाल दिया था और अब यह इस साल संभव नहीं दिखता। 2008 के बाद चीन के राष्ट्राध्यक्ष का यह पहला जापान दौरा होता, लेकिन दोनों देशों में बढ़ते तनाव की वजह से इस पर ग्रहण लग गया है।

हांगकांग पर नेशनल सिक्यॉरिटी कानून लागू किए जाने के वजह से जापान के प्रधानमंत्री शिंजों आबे की पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने सरकार से शी चिनपिंग के दौरे पर दोबारा विचार करने की अपील की है। चीनी सांसद हांगकांग पर चीन की बर्बरता को लेकर चिंतित हैं। जापान को डर है कि नए कानून की वजह से हांगकांग में जापान के लोगों और कंपनियों के अधिकारों में कटौती होगी।

जापान ने चीन पर कोरोना वायरस महामारी का इस्तेमाल आक्रामक कूटनीति और हांगकांग पर शिंकजा कसने में किया है। ग्लोबल फाइनेंशल हब हांगकांग में जापान में का महत्वपूर्ण हित है। हांगकांग में जापान की करीब 1400 कंपनियों की मौजूदगी है। यह जापान के कृषि सामानों को सबसे बड़ा आयातक है। जापानी बिजनेस कम्युनिटी को चिंता है कि चाइनीज नेशनल सिक्यॉरिटी कानून हांगकांग के आधार को हिला देगा।

जापान ने चीन के इस कदम का विरोध यह कहते हुए किया है कि यह आजादी खत्म करने वाला है और पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी को 50 साल की पूर्ण स्वायत्तता के वादे के खिलाफ है, जो 1997 में किया गया। जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोतेगी ने बयान जारी कर चीन से आग्रह किया कि हांगकांग में रह रहे जापानी लोगों और कंपनियों के अधिकारियों का सम्मान किया जाए।

चीनी राष्ट्रपति का दौरा युद्धकालीन इतिहास और क्षेत्रीय विवादों वाले द्विपक्षीय संबंधों को सुचारू करने को रेखांकित करता। हाल के कुछ सप्ताहों में हालांकि चीन साउथ चाइना सी में शेनकाकु आइलैंड के पास बारबार जहाजों को भेज रहा है। इस साल अप्रैल से अब तक जापान ने 67 चीनी कोस्ट कार्ड के जहाजों को इस जलक्षेत्र में देखा है। कोरोना वायरस को लेकर पहले से ही जारी तनाव इस मुद्दे पर और अधिक बढ़ गया।  

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