इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवादी संगठन तालिबान को आम नागरिक बताया है।एक चैनल को मंगलवार को दिए साक्षात्कार में इमरान ने कहा कि तालिबानी कोई सैन्य संगठन नहीं हैं, यह आम नागरिक हैं। ऐसे में इन्हें मार कैसे सकते हैं। पाकिस्तान में 30 लाख शरणार्थी रहते हैं और पाकिस्तान कैसे उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इन शरणार्थियों में ज्यादातर पश्तून हैं। यह तलिबान की जाति से संबंधित हैं। इमरान खान ने कहा कि ये लोग कोई विशेष यूनिफॉर्म नहीं पहनते हैं बल्कि ये आम नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जो शरणार्थी हैं, वे उसी जातीय वर्ग से आते हैं, जिससे तालिबान आता है।
उन्होंने कहा की अमेरिका ने अफगानिस्तान में चीजें अस्त-व्यस्त कर दी हैं। इमरान ने कहा की ये सच है कि तालिबान ने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर क्रूरतपूर्ण शासन किया। अमेरिका के आने के बाद अमेरिका उसे सत्ता छोड़नी पड़ी। लेकिन 2001 के बाद अमेरिका यहां डेरा डाल दिया, जिसके बाद यहां पर सब चीज़ें बर्बाद हो गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका को बहुत पहले ही राजनीतिक समाधान का विकल्प चुनना चाहिए था।
तालिबान के सहयोग का आरोप -
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान पर लगातार तालिबान को सहयोग करने के आरोप लगते रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री इमरान खान ने इन आरोपों का खंडन किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के अनुसार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के करीब 6000 आतंकी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं, जो तालिबान की मदद कर रहे हैं।