इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 बहाल ना होने तक भारत से बात ना करने की कसम खाने वाली पाकिस्तान सरकार की अकड़ ढीली पड़ गई है। आर्थिक संकट में फंसा पाकिस्तान विदेशी मुद्रा ना होने के कारण भुगतान करने में अक्षम है। ऐसे में देशवासियों के इलाज के लिए दवाओं का संकट बढ़ गया है। ऐसे में भारत से दवा मांगी है
पाकिस्तान की ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान (डीआरएपी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि आयात नीति आदेश 2022 के तहत अपने उपयोग के लिए भारत से महत्वपूर्ण दवाएं (कैंसर रोधी दवाएं और टीके) आयात करने पर अस्पतालों या आम आदमी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि इसके लिए प्राधिकरण से पहले आपत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा। डीआरएपी अधिकारियों का बयान स्वास्थ्य पर सांसदों की स्थायी समिति के एक सत्र के दौरान आया।
रिपोर्ट के अनुसार, डीआरएपी के अधिकारियों ने स्वास्थ्य पर सीनेट की स्थायी समिति के एक सत्र के दौरान यह बयान दिया। सीनेटर प्रोफेसर मेहर ताज रोघानी ने वित्तीय संकट के दौरान देश में कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण दवाओं की अनुपलब्धता का मुद्दा उठाया था।