इस्लामाबाद। इमरान खान की सरकार को हटाकर शहबाज शरीफ आज पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बने। उन्हें सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी ने दिलाई। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी उनको शपथ दिलाने नहीं पहुंचे। शपथ ग्रहण में आर्मी और ISI के चीफ भी मौजूद रहे। शपथ लेते ही शहबाज शरीफ भारत के प्रति अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शांति वार्ता की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मसले के समाधान से ही शांति की राह खुलेगी और दोनों देशों में खुशहाली भी बढ़ेगी।
शहबाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान में नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री पद के लिए जरूरी बहुमत जीतने के बाद कहा कि वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता की पहल करेंगे। उन्होंने कहा कि हम मिलकर और बातचीत के माध्यम से कश्मीर मसले का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। सीमा के दोनों ओर कश्मीर मसले के समाधान के बाद ही शांति आएगी। इससे दोनों देशों की तरक्की का रास्ता खुलेगा और गरीबी से भी निजात मिलेगी।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत का परिणाम सकारात्मक रहने की उम्मीद है। इसके परिणाम शांति के रूप में आएंगे और इसका लाभ दोनों पक्षों को मिलेगा। शहबाज शरीफ का यह बयान दो दिन पूर्व आए उस बयान से बिल्कुल अलग है, जो उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के अविश्वास प्रस्ताव में पराजित होने के बाद दिया था। तब शहबाज ने यहां तक कह दिया था कि कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं होने तक भारत के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते। उन्होंने साफ कहा था कि कश्मीर मसले का हल होने तक भारत से बातचीत नहीं होगी। अब शहबाज के इस बयान को बदले रूप में देखा जा रहा है।