राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष के बातचीत में ड्रैगन को कहा - शांति के लिए सेना पीछे हटाओ
मॉस्को। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर बढ़े तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच वार्ता समाप्त हो गई है। यह वार्ता 2 घंटे 20 मिनट तक चली। रूस की राजधानी मास्को में एक प्रमुख होटल में रात साढ़े नौ बजे (भारतीय समयानुसार) वार्ता शुरू हुई थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे।
सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री के बीच हुई करीब ढाई घंटे की बातचीत का मुख्य फोकस लंबे समय से कायम सीमा विवाद को खत्म करना और शांति बहाल करना था। पूरी बातचीत का केंद्र बिंदु पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए बीच का रास्ता निकालने पर ही टिका रहा।
एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर इस मुलाकात में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वी फेंगे से साफ-साफ कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से पहले की स्थिति कायम करें। उन्होंने साफ कहा कि शांति के लिए चीन को सेना पीछे हटानी ही होगी।
बता दें कि दोनों देशों के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रियों की यह पहली मुलाकात है। दोनों देशों के रक्षा मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं। यह मुलाकात इस बैठक से इतर हुई है। दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच मास्को के होटल मेट्रोपोल में मुलाकात हुई जहां चीनी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने के लिए पहुंचे। रक्षा मंत्रियों के साथ उनके देशों के शिष्टमंडल भी थे।
रूस की राजधानी मास्को में एक प्रमुख होटल में रात साढ़े नौ बजे (भारतीय समयानुसार) वार्ता शुरू हुई थी और यह वार्ता करीब ढाई घंटे तक चली। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से फोन पर सीमा विवाद को लेकर बातचीत की थी।
राजनाथ सिंह के ऑफिस ने ट्वीट किया, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री जनरल वी फेंगे के बीच मॉस्को में बैठक समाप्त हुई। यह बैठक दो घंटे 20 मिनट तक चली।' सूत्रों की मानें तो भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी सेना के पैंगोंग झील के दक्षिण तट में यथास्थिति बदलने के नए प्रयासों पर कड़ी आपत्ति जताई और बातचीत के माध्यम से गतिरोध के समाधान पर जोर दिया। सूत्रों ने कहा कि भारतीय पक्ष पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष बिंदुओं पर यथास्थिति बहाल करना चाहता है।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले सप्ताह पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर हुए ताजा घटनाक्रम के बाद एक बार से तनाव बढने के मद्देनजर इस मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चीन और भारत के सैनिकों के बीच गत 15 जून को हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के एक कर्नल सहित 2० सैनिक शहीद हो गये थे। चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिक मारे गये थे हालाकि चीन ने कभी आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया।
मई की शुरूआत में पूर्वी लद्दाख में सीमा पर विवाद बढ़ने के बाद दोनों पक्षों के बीच शीर्ष स्तर की आमने-सामने की यह पहली मुलाकात थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा गतिरोध पर पूर्व में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से बात की थी। राजनाथ सिंह और वेई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं। एससीओ की बैठक दिन में आयोजित हुई थी।