कनाडा में बवाल: ब्रैम्पटन में लगे ‘बंटोगे तो कटोगे’ के नारे, हिन्दू मंदिरों पर हुए हमलों को लेकर ट्रुडो सरकार घिरी

Update: 2024-11-04 07:40 GMT

नई दिल्ली। कनाडा के ब्रैम्पटन में रह रहे हिन्दू समुदाय के लोगों में भारी आक्रोश है। ब्रैम्पटन में हमले के बाद हिन्दू महासभा मंदिर के बाहर समुदाय के कई लोग इकठ्ठा हुए। यहां ‘बंटोगे तो कटोगे’ के नारे भी लगाए गए। लोगों को संबोधित करते हुए एक व्यक्ति ने कहा कि, यह हमला दुनिया में रह रहे सभी हिंदुओं पर है। हमें एक होना होगा। हम किसी का विरोध नहीं करते लेकिन अगर कोई हमारा विरोध करेगा तो...।

हिन्दू महासभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर सिख समुदाय के कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके वीडियो के सामने आने के बाद कनाडा में जस्टिन ट्रुडो की सरकार मुश्किल में नजर आ रही है क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कनाडा में बढ़ते खालिस्तानी सिख चरमपंथियों के खिलाफ अब ट्रुडो की पार्टी के नेता ही सवाल उठाने लगे हैं।

हिन्दू फोरम फॉर कनाडा की ओर से एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें सिख समुदाय के कुछ लोग मंदिर में मौजूद लोगों पर हमला करते नजर आ रहे हैं। इस मामले में भारतीय उच्चायोग ने नाराजगी जताते हुए स्टेटमेंट जारी किया था। अब हिन्दू महासभा मंदिर का एक और वीडियो सामने आया है जिसमें बटेंगे तो कटेंगे का नारा लगाते हुए लोगों को सुना जा रहा है।

बता दें कि, यह नारा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया था। यह नारा इस समय उत्तरप्रदेश में काफी लोकप्रिय हो गया है अब विदेशों में भी इसी नारे की गूंज सुनाई दे रही है।

जानकारी के अनुसार कनाडा के टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर यह हमला किया गया है। सिख समुदाय के लोग पीले झंडे हाथों में लेकर हमला करते दिखाई दे रहे थे। इसके पहले भी कनाडा में हिन्दू मंदिर को टारगेट करने की खबरें सामने आई थी।

कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। इसमें कहा गया था कि, "हमने आज (3 नवंबर) टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के साथ मिलकर आयोजित कांसुलर शिविर के बाहर भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक व्यवधान देखा है। स्थानीय सह-आयोजकों के पूर्ण सहयोग से हमारे वाणिज्य दूतावासों द्वारा आयोजित नियमित कांसुलर कार्य के लिए इस तरह के व्यवधानों को अनुमति देना अत्यंत निराशाजनक है। जिनकी मांग पर ही इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत विरोधी तत्वों के इन प्रयासों के बावजूद, हमारा वाणिज्य दूतावास भारतीय और कनाडाई आवेदकों को 1000 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम रहा।"

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