चीन पर ट्रंप की स्पेशल प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानें क्या हो सकते है फैसले

Update: 2020-05-29 07:23 GMT

वाशिंगटन/दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज चीन को लेकर स्पेशल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ बड़े ऐलान करने वाले हैं। गुरुवार को उन्होंने इस बारे में जानकारी दी थी। माना जा रहा है कि कोरोना और हॉन्ग कॉन्ग को लेकर चीन के दमनकारी कानून के मुद्दे के अलावा ट्रंप भारत-चीन सीमा विवाद पर भी अपनी बात रख सकते हैं।

भारत-चीन सीमा विवाद पर पहले ही मध्यस्थता की पेशकश कर चुके ट्रंप ने कुछ घंटे पहले ही कहा है कि पेइचिंग की हरकतों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अच्छे मूड में तो बिल्कुल ही नहीं हैं। अमेरिका राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्होंने पीएम मोदी से इस मुद्दे पर बात की है और चीन से सीमा विवाद पर मोदी अच्छे मूड में नहीं हैं। ट्रंप का यह बयान चीन के लिए सख्त और साफ संदेश भी है कि उसे अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए। इसे देखते हुए आज की स्पेशल प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति भारत-चीन सीमा विवाद के मुद्दे पर भी अपनी बात रख सकते हैं। हालांकि, भारत सरकार से जुड़े सूत्रों ने चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी से बातचीत के ट्रंप के दावे को खारिज किया है।

चीन को लेकर ट्रंप की इस स्पेशल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोरोना का मुद्दा सबसे प्रमुख रहेगा। ट्रंप प्रशासन पिछले कई हफ्तों से कोरोना वायरस को लेकर चीन पर लगातार दबाव बना रहा है। वॉशिंगटन का आरोप है कि चीन ने कोरोना वायरस को लेकर दुनिया को गुमराह किया और जानकारियां छिपाई। ट्रंप तो सार्वजनिक तौर पर कोरोना वायरस और अमेरिका में इसके भीषण कहर के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।

ट्रंप आज की न्यूज कॉन्फ्रेंस में हॉन्ग कॉन्ग में चीन के दमनकारी कानून के मुद्दे पर भी बात कर सकते हैं। चीन की संसद ने गुरुवार को हॉन्ग कॉन्ग के लिए एक नए विवादास्पद सुरक्षा कानून को मंजूरी दे दी जिससे पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी में पेइचिंग के अधिकार को कमजोर करना एक अपराध हो जाएगा। कोरोना को लेकर पहले से ही चीन पर भड़के ट्रंप का इस नए कानून से गुस्सा काफी बढ़ गया है। अमेरिका के अलावा ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने नए सुरक्षा कानून की निंदा करते हुए इसे हॉन्ग कॉन्ग वासियों की आजादी पर हमला बताया है।

चीन अपने यहां उइगर मुस्लिमों पर जिस तरह का अत्याचार कर रहा है, उस मुद्दे पर भी ट्रंप उसे घेर सकते हैं। चीन ने शिनजियान प्रांत में करीब 20 लाख इनगर मुस्लिमों को डिटेंशन कैंपों में कैद करके उन पर अत्याचार कर रहा है। इस मुद्दे को लेकर हो सकता है कि ट्रंप शुक्रवार को एक कानून पर दस्तखत भी कर दें। दो दिन पहले ही अमेरिकी संसद के सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स ने उइगर ह्यूमन राइट्स पॉलिसी ऐक्ट, 2020 को मंजूरी दी है। इस ऐक्ट में उइगर मुस्लिमों पर चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के जुल्मों की आलोचना की गई है। संसद के दोनों सदनों से मंजूरी के बाद अगर इस पर ट्रंप दस्तखत कर देते हैं तो अमेरिकी विदेशी विभाग चीन के शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का अध्ययन कर कांग्रेस में विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी।

न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक ट्रंप अमेरिकी यूनिवर्सिटियों में पढ़ने के लिए आने वाले हजारों चीनी छात्रों पर प्रतिबंध लगाने का भी ऐलान कर सकते हैं।

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