नईदिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की नेता एवं केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को पेगासस मामले में कहा की स्पाइवेयर मुद्दे में 10 देशों का नाम लिया गया है, लेकिन अन्य देशों में विपक्ष ने हमारे विपक्ष की तरह प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह एक ऐसी कहानी है जो मनगढ़ंत, मनगढ़ंत और साक्ष्य रहित है।जब भी देश में कुछ सही और अच्छा होने वाला होता है, तो इस तरह का आचरण किया जाता है।इस तरह की कहानियां भारतीय संस्थानों को कमजोर करने और डेटा संरक्षण को रोकने के लिए चलाई जाती हैं, जो देश का कानून बनने के लिए तैयार है।यह संरचनाओं की विश्वसनीयता के प्रति जनता को असंवेदनशील बनाने और हमारे देश की छवि खराब करने के लिए है।
ग्राहकों की सूची -
एनएसओ ने इनकार किया है कि यह उनके ग्राहकों की सूची नहीं है और प्रचलन में सूची के बीच किसी भी संबंध का कोई पुष्टिकारक प्रमाण नहीं है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस सूची का खंडन किया है और फिर भी, विपक्ष ने फर्जी खबरों के आधार पर सदन को बाधित करना जारी रखा है।
किसान नहीं मवाली -
जंतर मंतर पर किसानों के प्रदर्शन से जुड़े प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कथित किसानों को मवाली कहा। उन्होंने आगे कहा, "फिर आप उन्हें किसान बोल रहे हैं, मवाली हैं वो लोग।.... जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थीं, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।"इससे पहले किसानों से ही जुड़े एक प्रश्न पर मीनाक्षी ने कहा कि जंतर-मंतर पर बैठे लोगों को किसान कहना सही नहीं है। वह षड्यंत्रकारी लोगों के हाथ चढ़े कुछ लोग हैं। लगातार किसानों के नाम पर ऐसी हरकतें की जा रही हैं। किसान के पास समय नहीं है कि वह जंतर-मंतर पर बैठे। ये आढ़तियों के चढ़ाए लोग हैं, जो नहीं चाहते किसान को लाभ मिले ।