एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र की सत्ता से होंगे बाहर, अजित पवार बनेंगे अगले मुख्यमंत्री, देवेंद्र फडणवीस का दिल्ली जाना तय

एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों पर अयोग्यता की लटकती तलवार के बीच अजित पवार को साथ लाना है भाजपा का प्लान बी

Update: 2023-07-05 11:52 GMT

मुंबई।  महाराष्ट्र में पहले शिवसेना और अब राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा ) में फूट के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। एक बार फिर पूरे देश की नजर महाराष्ट्र की राजनीति पर टीकी हुई है। फिलहाल शरद पवार और उनके भतीजे अजित के बीच पार्टी पर कब्जे की लड़ाई चल रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आने वाले दिन महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बेहद अहम है। अजित पवार के सत्ता में शामिल होने के बाद माना जा रहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता है, वहीँ देवेंद्र फडणवीस भी राज्य से केंद्र की राजनीति में जा सकते है।  

राजनीतिक जानकारों का मानना है की भारतीय जनता पार्टी एकनाथ शिंदे के काम से खुश नहीं है। उनकी जगह पर जल्द ही अजित पवार को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।  एनसीपी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल का दावा है कि अजित पवार की एंट्री से एकनाथ शिंदे का महत्व भाजपा के लिए कम हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि 'कुछ लोगों को शिंदे के काम करने का तरीका पसंद नहीं आया। पाटिल ने कहा, 'अब शिंदे के महत्व को कम करने के लिए अजीत पवार को सरकार में शामिल किया गया है जो पहले से ही बहुमत में है।' इसी तरह का दावा शिव सेना (उद्धव ठाकरे) ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में किया। उसमे लिखा है कि 'अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का रिकॉर्ड बनाया है। पर इस बार 'सौदा' मजबूत है। पवार वहां डिप्टी सीएम पद के लिए नहीं गए हैं।'

16 विधायकों पर अयोग्यता की तलवार - 

इस कयास के पीछे की असली वजह एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों पर अयोग्यता की लटकती तलवार है। दरअसल, कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल शिवसेना में फूट से जुड़े मामले में शिंदे गुट के विधायकों 16 विधायकों की अयोग्यता पर फ़ैसला लेने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को दिया गया है।  इसे लेकर उद्धव ठाकरे गुट जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहा है। ऐसे में माना जा रहा है की आगामी विधानसभा सत्र में स्पीकर इस पर फैसला ले सकते है। 

भाजपा का प्लान बी - 

वहीँ दूसरी और अजित पवार ने आज शक्ति प्रदर्शन के दौरान शरद पवार को संदेश देते हुए साफ कह दिया कि अब आपकी उम्र हो गए आराम कीजिए।  मुझे आशीर्वाद दीजिए, अब मुझे भी मुख्यमंत्री बनना है।  अजित पवार के इस बयान से स्पष्ट है की वह सिर्फ और सर्फ डिप्टी सीएम बनने के लिए भाजपा के साथ नहीं आए है बल्कि उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। विश्लेषक भी भाजपा के इस कदम को प्लान बी बता रहे है। यदि एकनाथ शिंदे और उनके साथी अयोग्य करार दिए जाते है तो भाजपा के पास एनसीपी के साथ मिलकर सरकार चलाने का ऑप्शन रहेगा। 

देवेंद्र फडणवीस की केंद्र में एंट्री - 

वहीँ वर्तमान सरकार में शामिल भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भाजपा केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल का सकती है। सूत्रों का कहना है की मोदी सरकार मानसून सत्र से पहले फेरबदल कर सकती है।जिसमें देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ आए प्रफुल्ल पटेल को शामिल किया जा सकता है। हालांकि अभी अटकलें जारी है आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति की तस्वीर साफ हो जाएगी।  

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