अम्फान की तबाही : ममता की अपील पर केंद्र ने मदद को भेजी सेना

Update: 2020-05-23 13:30 GMT

दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान की वजह से हुई तबाही के बाद राज्य सरकार ने प्रभावित इलाकों में आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए शनिवार को सेना, रेलवे और बंदरगाह से मदद मांगी है। राज्य सरकार के अनुरोध पर सेना ने पांच कॉलम भेजे हैं जिन्हें चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित कोलकाता और आसपास के इलाकों में तैनात किया गया है। बंगाल में अम्फान के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 85 हो गई है।

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'राज्य सरकार 24X7 राहत कार्य और जरूरी चीजों की बहाली में लगी है। राज्य सरकार ने सेना की मदद मांगी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम को लगाया गया है। साथ ही रेलवे, पोर्ट और प्राइवेट सेक्टर से भी मदद मांगी गई है।' सेना के करीब 175 जवानों ने शनिवार देर शाम पहुंचकर मोर्चा संभाल भी लिया। सेना के जवानों को टालीगंज, बालीगंज, राजारहाट/न्यू टाउन, डायमंड हार्बर और बेहाला में तैनात किया गया है।

सरकार ने बताया कि पीने के पानी की व्यवस्था और ड्रेनेज इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुधारना हमारी प्राथमिकता है। जहां जरूरत है वहां जेनरेटर लगाए जा रहे हैं। चक्रवात में जो पेड़ गिरे हैं उन्हें हटवाने के लिए कई विभागों की मदद ली जा रही है।

चक्रवात के कारण जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित होने के बाद, प्रशासन के तमाम अधिकारी राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए जुटे हुए हैं। राज्य में बुधवार को चक्रवात अम्फान के भीषण तबाही मचाने के बाद लाखों लोग बेघर हो गए, कई घर बर्बाद हो गए, हजारों पेड़ उखड़ गए और निचले इलाके जलमग्न हो गए।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राज्य के करीब 1.5 करोड़ लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं और चक्रवात के कारण 10 लाख से ज्यादा घर बर्बाद हो गए। कोलकाता के कुछ हिस्सों और उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना में भले ही बिजली और मोबाइल सेवाएं बहाल कर ली गईं हैं लेकिन बिजली के खंभे उखड़ जाने और संचार लाइनें टूट जाने से अब भी कई इलाके अंधकार में डूबे हुए हैं।

कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में लोग बिजली और पानी की तत्काल आपूर्ति बहाल करने की मांग के साथ शुक्रवार रात से प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कें बाधित की हुई हैं। कोलकाता नगर निगम प्रशासक बोर्ड के प्रमुख फरहाद हाकिम ने आश्वासन किया है कि एक हफ्ते के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी क्योंकि सरकारी अधिकारी स्थिति में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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