मप्र में बढ़ेगी बीयर बार की संख्या: मिनी बार खोलने को मंजूरी, नई शराब नीति की अधिसूचना जारी
पहली बार बीयर बार को अलग-अलग श्रेणियों में बांट दिया गया है। अब बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक के लिए अलग से बीयर बार खुलेंगे।;
विशेष संवाददाता
भोपाल। प्रदेश सरकार ने आबकारी नीति में शराब से कमाई बढ़ाने के सभी प्रावधान किए हैं। पहली बार बीयर बार को अलग-अलग श्रेणियों में बांट दिया गया है। अब बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक के लिए अलग से बीयर बार खुलेंगे। इन पर सिर्फ 10 प्रतिशत से कम अल्कोहल वाले पदार्थ मिलेंगे, लेकिन पीने की पात्रता नहीं रहेगी। इसके लिए अलग से लाइसेंस जारी होंगे। शुल्क भी कम लगेगा। साथ ही धार्मिक महत्व वाले नगर या गांवों में जिन दुकानों को बंद किया जाएगा, उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाएगा। आबकारी विभाग ने नई शराब नीति को जारी कर दिया है, जिसे पिछले महीने कैबिनेट ने मंजूरी दी थी।
धार्मिक महत्व वाले नगर, गांवों में शराब दुकानें बंद होने से राजस्व की जो क्षति होगी, उसकी भरपाई शहरी सीमा की अन्य दुकानों का नवीनीकरण शुल्क बढ़ाकर की जाएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 47 शराब दुकानें बंद होने से लगभग पांच सौ करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति होगी। इसकी पूर्ति के लिए पिछली कैबिनेट बैठक में एक्स एजेंडे के रूप में प्रस्ताव रखा गया था कि प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर जो दुकानें हैं, उनका नवीनीकरण शुल्क अधिक रखा जाए, क्योंकि खपत भी बढ़ेगी।
अधिसूचना के अनुसार शराब की दुकानें सुबह साढ़े आठ बजे से खुलेंगी। एक घंटे लेखा संधारण का काम होगा। इसके बाद शराब की बिक्री रात साढ़े 11 बजे तक की जा सकेगी। रेस्टोरेंट, होटल, पर्यटन रिसोर्ट तथा क्लब बार में विदेशी मदिरा सुबह दस से रात साढ़े बजे तक बेची जा सकेगी। उपभोग का समय रात बारह बजे तक रहेगा। निर्धारित समय के बाद दो घंटे बार संचालन की अनुमति पांच हजार रुपये प्रतिदिन अतिरिक्त शुल्क देकर ली जा सकेगी। यह विशिष्ट अनुमति वर्ष में अधिकतम आठ दिन के लिए कलेक्टर द्वारा दी जा सकेगी।
आबकारी नीति की अधिसूचना जारी
वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने आबकारी नीति की अधिसूचना जारी कर दी है। सभी शराब दुकानों में देसी और विदेशी शराब मिलेगी। दुकान लाइसेंस का पहले नवीनीकरण किया जाएगा। इसके लिए उसे बीस प्रतिशत अधिक शुल्क चुकाना होगा। नवीनीकरण जिले के लिए कुल आरक्षित मूल्य का 80 प्रतिशत सुरक्षित होने पर होगा। इससे कम शुल्क मिलने पर दुकानें ई-टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से नीलाम की जाएंगी।
मिनी बार के लिए ये शर्तें जरूरी
मिनी बार को लेकर यह तय किया गया है कि इसमें दस प्रतिशत से कम अल्कोहल वाली बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक ही मिलें। इस रेस्तरां बार लाइसेंस के लिए एक तल पर न्यूनतम एक हजार वर्गफीट वातानुकूलित डाइनिंग क्षेत्र होना चाहिए। अतिरिक्त तल एवं खुली छत के साथ-साथ रेस्तरां में उसी तल पर उपलब्ध खुले स्थान के उपयोग की अनुमति अतिरिक्त शुल्क लेकर दी जा सकेगी।
सिर्फ जंगल किनारे वाले रिसॉर्ट को बार लाइसेंस
रिसार्ट बार के नए लाइसेंस उन्हीं इकाइयों को स्वीकृत किए जा सकेंगे, जो राष्ट्रीय उद्यान या वन अभयारण्य की अधिसूचित सीमा से 20 किलोमीटर की परिधि के अंदर हों, परंतु किसी नगर निगम की सीमा से पांच, नगर पालिका की सीमा से तीन और नगर पंचायत की सीमा से एक किलोमीटर के अंदर न हों। बार में अग्नि सुरक्षा संबंधी व्यवस्था में कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी।
हैरिटेज मदिरा को वैट से रहेगी छूट
हैरिटेज मदिरा संबंधी नीति एवं व्यवस्था बीते वर्ष के अनुरूप रहेगी। हैरिटेज मदिरा को वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) से छूट रहेगी। वहीं, प्रदेश में उत्पादित अंगूर, अन्य फल और शहद से निर्मित वाइन को आबकारी शुल्क से छूट रहेगी। वाइन विनिर्माण करने वाली इकाइयों को उनके परिसर में फुटकर विक्रय के लिए एक रिटेल आउटलेट स्वीकृत किया जा सकेगा।
इन नगर, गांवों में बंद होगी दुकानें
सरकार ने जनभावनाओं का ध्यान रखते हुए पवित्र शहर (उज्जैन नगर निगम, मैहर, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई और मंदसौर नगर पालिका, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, बरमान खुर्द, कुंडलपुर और बांदकपुर ग्राम पंचायत सीमा) मेंशराब दुकान और बार बंद कर दिए हैं।