हाथरस मामले में सीबीआई ने दर्ज किया केस, इन सवालों के जवाब तलाशने की होगी चुनौती

Update: 2020-10-11 07:56 GMT

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुए कथित गैंगरेप और मौत के मामले की जांच मिलने के बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को एक केस दर्ज कर लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाथरस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद शनिवार को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की थी। आपको बता दें उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ हुई कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने रविवार सुबह भारतीय दंड संहिता की सामूहिक बलात्कार और हत्या से संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पहले मृतका के भाई की शिकायत पर हाथरस जिले के चंदपा थाने में इस घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई के प्रवक्ता आर. के गौड़ ने कहा कि शिकायतकर्ता ने 14 सितंबर को आरोप लगाया था कि आरोपियों ने बाजरे के खेत में उसकी बहन का गला घोंटने की कोशिश की। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर और उसके बाद भारत सरकार की अधिसूचना के बाद सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है।

सीबीआई ने मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है और जल्द ही यह टीम मौके पर जाकर अपना काम शुरू कर देगी। सीबीआई ने गाजियाबाद के अपराध निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में तैनात पुलिस उपाधीक्षक सीमा पाहुजा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

इन सवालों के जवाब तलाशने की चुनौती-

- 14 सितंबर को खेत में लड़की को किसने मारा?

- लड़की ने पहले दिन वाले बयान में अपने साथ कथित बलात्कार की बात क्यों नहीं की?

- पीड़िता ने आखिरी बयान में बलात्कार की बात की लेकिन मेडिकल रिपोर्ट इसके विपरीत क्यों है?

- 29 सितंबर को पीड़िता की मौत के बाद आनन-फानन में रात के अंधेरे में उसकी लाश क्यों जला दी गई?

ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिसके जवाब सीबीआई को इस केस से ढूंढ़ने होंगे। सीबीआई को एसआईटी की अब तक की पड़ताल से मदद भी मिलेगी। लेकिन एक बड़ा पेच ये भी है कि पीड़िता के परिवार को सीबीआई जांच पर भरोसा ही नहीं है। पीड़ित परिवार बार-बार कह रहा है कि उन्हें सिर्फ न्यायिक जांच पर ही भरोसा है।

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