चुनावी साल में कांग्रेसियों के बढ़ेंगे मठ-मंदिरों के फेरे, नेता बदलेंगे चोला
पार्टी की रणनीति तय, धार्मिक मामलों पर बोलने से करना होगा परहेज
विशेष संवाददाता, भोपाल। कांग्रेस चुनाव को देखते हुए एक बार फिर मंदिर-मंदिर जाने की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा को अभी तक धर्म को राजनीति से अलग रखने की लगातार सीख देती आ रही कांग्रेस अब हर वह काम करने की कोशिश में है जिससे कि उसे हिंदू समाज का विश्वास हासिल हो सके। कांग्रेस के इस यूं टर्न से एक बड़ा वर्ग प्रभावित होगा या नहीं कहना फिलहाल मुश्किल है, लेकिन इससे पार्टी पर अब तक भरोसा कर रहा मुस्लिम वर्ग जरूर नाखुश होता दिख रहा है। कांगे्रस के ही एक वरिष्ट नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इससे पार्टी की स्थिति और खराब होगी। कांग्रेस की तय रणनीति के अनुसार चुनाव के चलते कांग्रेस नेताओं के मठ, मंदिर के फेरे बढ़ेंगे। सबसे खास बात यह है कि धार्मिक मुद्दे पर अनर्गल बयान देने से भी कांग्रेस नेताओं को परहेज करना होगा। इसको लेकर पार्टी आलाकमान ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है कि कोई भी नेता धर्म को लेकर विवादित बयान नहीं देगा। चुनाव के दौरान यदि किसी नेता के बयान से विवाद खड़ा होता है और उससे संगठन को सियासी नुकसान होता है तो फिर संबंधित नेता को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकेगा।
कांग्रेस की प्रदेश अनुशासन समिति पार्टी हाईकमान से मिले फरमान के बाद चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश तैयार कर रही है। जिन्हें जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। टिकटों की घोषणा होने के बाद पार्टी प्रत्याशी से लेकर सभी स्टार प्रचारकों को यह खासा ध्यान रखना होगा कि कोई ऐसा बयान नहीं दें, जिससे भाजपा को चुनाव में विपक्ष को मुद़्दे से भटकाने का नया मुद्दा मिल जाए। खास बात यह है कि कांग्रेस आलाकमान ने इसके लिए बाकायदा ऐसे उदाहरण दिए हैं, जब पिछले सालों में अलग-अलग समय में हुए चुनावों में कांगे्रस नेताओं के बयानों से पार्टी को सियासी नुकसान उठाना पड़ा था। चुनाव से पहले नेताओं को बाकायदा अनर्गल बयानवाजी करने से परहेज करने की नसीहत दे दी जाएगी। इसके बावजूद भी जो नेता विवादित बयान देंगे, उन पर तत्समय परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लिया जाएगा।
स्टार प्रचारक जाएंगे मंदिर
चुनाव के दौरान पार्टी के जो नेता जिस जिले में प्रचार के लिए आएंगे, वे उस जिले के स्थानीय प्रमुख धार्मिक स्थल पर जाकर मत्था टेकने जाएंगे। खास बात यह है कि धार्मिक स्थल पर जाने के दौरान संबंधित नेता किसी तरह की गैर राजनीतिक बयानबाजी नहीं करेगा। चुनाव में कांग्रेस का पूरा फोकस तय मुद्दों पर रहेगा। सभी नेता अलग-अलग तरह से मुद्दों को उठाएंगे।
बदला बदला दिखेगा नेताओं का परिधान
आमतौर पर कांग्रेस नेता सफेद कुर्ता-पजामे में दिखाई देते हैं। लेकिन चुनाव में कांग्रेस नेता भगवा रंग भी धारण कर सकते हैं। साथ ही माथे पर लंबा-चौड़ा तिलक भी दिखाई देगा। चुनावी सभा में नेता 'जय सिया रामÓ का नारा भी बुलंद करेंगे। कांग्रेस आलाकमान ने हिंदी भाषी राज्यों को लेकर विशेष रणनीति तैयार की है। प्रदेश कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार अभी मप्र कांग्रेस ने इस विषय को सार्वजनिक नहीं किया है। संभवत: सावन के महीने में इस पर चर्चा होगी। सावन का महीना शिव भक्ति का होता है। कांगे्रस नेता सावन महीने में ज्यादा संख्या में मंदिर-मंदिर जाने दिखाई देंगे।