महाकुम्भ में घटी घटना दुर्भाग्यपूर्ण: डीजीपी बोले- घटना से मुख्यमंत्री दुखी, सुबह से लगातार 12 घंटे तक करते रहे घटना की मॉनिटरिंग,अब आगामी अमृत स्नान को बनाएं जीरो एरर…

सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गुरुवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने महाकुम्भ में घटी घटना का स्थलीय निरीक्षण किया।;

Update: 2025-01-30 15:46 GMT

महाकुम्भनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गुरुवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने महाकुम्भ में घटी घटना का स्थलीय निरीक्षण किया और फिर समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मुख्य सचिव और डीजीपी दोनों ही शीर्ष अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस बार महाकुम्भ को लेकर जो तैयारियां की गई थीं उसकी दुनिया भर में सराहना हो रही है। दुर्भाग्य से ये घटना हो गई, लेकिन इसके बावजूद हमें मोरल डाउन नहीं करना है और बिल्ड इट बेटर की भावना से काम करते हुए आगामी अमृत स्नान को जीरो एरर बनाते हुए श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ में स्नान और आवागमन को यादगार बनाना है। 

समीक्षा बैठक में यूपीपीसीएल के चेयरमैन आशीष गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, एडीजी भानु भास्कर, कमिश्नर विजय विश्वास पंत, पुलिस आयुक्त तरुण गाबा, डीआईजी वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी मौजूद रहे।

डीजीपी उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार ने कहा कि बुधवार रात में जो घटना घटी है, उससे हर कोई दुखी है। मुख्यमंत्री स्वयं घटना के बाद से भावुक हैं। उन्होंने बुधवार तड़के से ही मीटिंग में बुलाया और लगातार 12 घंटे तक पल-पल की मॉनिटरिंग करते रहे। 10 मिनट का भी उन्होंने रेस्ट नहीं लिया। उनके लिए यह घटना शॉकिंग थी, क्योंकि उन्होंने अपनी तरफ से व्यवस्था को बेहतर से बेहतर बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। अब हमें बसंत पंचमी के अमृत स्नान को जीरो एरर बनाना है। इसके लिए यदि एक्सपर्ट्स की मदद लेनी हो तो ली जाए। उन्होंने कहा कि जिन स्थलों पर सर्वाधिक भीड़ है, वहां ज्यादा से ज्यादा अधिकारी फोर्स के साथ मौजूद रहें। बॉर्डर एरिया में एसपी स्तर के अधिकारियों को तैनात किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने हादसे को लेकर ज्यूडिशियल इंक्वायरी के लिए कमीशन गठित कर दिया है। हमें यहां पर आगे की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया है। जो हादसा हुआ है, उसे झुठलाया नहीं जा सकता। लेकिन अब हमें आगे की ओर देखना होगा। बसंत पंचमी को होने वाले अमृत स्नान को हमें श्रद्धालुओं के लिए बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होंगी, ताकि उनके लिए यह अवसर यादगार बन जाए।

उन्होंने कहा कि इस बार जितनी शिद्दत से महाकुम्भ की तैयारी की गई थी, उतनी बेहतर तैयारी कभी नहीं की गई। फंड्स और मैनपावर की कोई कमी नहीं रखी गई है। इक्विपमेंट्स हों या किसी भी तरह की मांग रही हो, प्राथमिकता के आधार पर तत्काल सैंक्शन किया गया है। सभी ने बहुत मेहनत की है। ये दुर्भाग्य है कि इतनी तैयारियों के बावजूद दुर्घटना हो गई। 

इसका सबसे बड़ा कारण अत्यधिक भीड़ का होना है। अब हमें आगे की ओर देखना है। मनोबल कम नहीं होने देना है। जो भी तैयारी करनी है कर लीजिए, आपके पास दो दिन हैं। हमें श्रद्धालुओं के लिए इस अमृत स्नान को यादगार बनाना है।

मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाले अमृत स्नान पर हमें संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ को जाने से रोकना होगा। लोगों को रोकने के लिए कई स्तरों पर बैरीकेडिंग किए जाएं। डायवर्जन प्लान को लागू किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने व्यवस्थाओं को और दुरुस्त करने के लिए कुछ और सीनियर अधिकारियों को यहां भेजा है। ये अधिकारी आपकी मदद करेंगे। मिलकर आगे की योजना बनाएं और तीर्थ यात्रियों के लिए अधिकतम सुविधाएं सुनिश्चित करें। उनके नहाने और आवागमन का अनुभव कभी न भूलने वाला होना चाहिए।

मुख्य सचिव ने सैनिटेशन को लेकर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेले के अंदर कहीं भी गंदगी नहीं होनी चाहिए। अधिकारी खड़े होकर साफ सफाई सुनिश्चित कराएं। पूरी टीम फील्ड पर नजर आनी चाहिए। अमृत स्नान के दौरान जो भी गंदगी हुई है, उसे तुरंत क्लियर किया जाए। डस्टबिन में नए लाइनर बैग लगाना सुनिश्चित करें। सफाई कर्मियों को शिफ्ट वाइज तैनात किया जाए। मेले के बाहर शहर में भी साफ सफाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ये भी निर्देश दिया कि जिस अधिकारी को सैनिटेशन की जिम्मेदारी दी जाए, उसे कोई और जिम्मेदारी न दी जाए, क्योंकि स्वच्छ महाकुम्भ मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता में है।

मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि मौनी अमावस्या के अमृत स्नान को लेकर अभूतपूर्व तैयारियां की गई थीं। सभी पार्किंग सक्रिय थीं। रेलवे स्टेशन पर मूवमेंट स्मूथली चल रहा था। जोनल प्लान लागू किया गया। सारे घाटों को यूटिलाइज किया गया। डायवर्जन प्लान को रात से ही लागू कर दिया गया था। पब्लिक एड्रेस सिस्टम बेहतरीन कार्य कर रहा था, जबकि आईसीसीसी का फीडबैक महत्वपूर्ण रहा। बसंत पंचमी के अमृत स्नान को लेकर इस बार स्ट्रैटेजिक डेप्लॉयमेंट किया जाएगा। जोनल प्लान को भी लागू करेंगे, ताकि जो जहां पर आए वहीं स्नान करे।

घायल श्रद्धालुओं से मिले मुख्य सचिव और डीजीपी, हर संभव मदद का दिया आश्वासन

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार गुरुवार को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल भी पहुंचे, जहां बुधवार को मौनी अमावस्या अमृत स्नान के दौरान संगम नोज पर घटी घटना के घायलों को भर्ती कराया गया है। यहां मुख्य सचिव और डीजीपी ने घायलों से मुलाकात की और उनका हाल जाना। प्रदेश के दोनों शीर्ष अधिकारी एक-एक घायल के पास गए और उन्हें मिल रहे उपचार के विषय में जानकारी ली। साथ ही उन्होंने डॉक्टरों को इलाज में किसी तरह की कमी नहीं रखने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप अस्पताल में घायल तीर्थयात्रियों का समुचित इलाज किया जा रहा है और पूरा प्रशासन उनकी देखरेख में जुटा हुआ है।

कोई भी मरीज गंभीर नहीं 

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती सभी श्रद्धालुओं को समुचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। अस्पताल प्रशासन पूरी तत्परता से सभी मरीजों की देखभाल कर रहा है। मरीजों के साथ आए परिजनों और श्रद्धालुओं के लिए भी आवश्यक व्यवस्था की गई हैं। सभी मरीजों के परिवारजनों को सूचना दे दी गई है और अधिकांश परिजन अस्पताल पहुंच चुके हैं। राहत की बात यह है कि कोई भी मरीज गंभीर स्थिति में नहीं है। हालांकि, कुछ मरीजों को फ्रैक्चर जैसी चोटें आई हैं, जिनके पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में 3 से 4 सप्ताह तक का समय लग सकता है। सरकार एवं अस्पताल प्रशासन मरीजों की देखभाल के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

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