दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले एक महीने में चौथी बार भूकंप आया जो पिछले तीनों बार से ज्यादा तीव्रता का था। इस बार पंजाब और हरियाणा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। नैशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.6 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र हरियाणा के रोहतक में पाया गया है जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 65 किमी दूर है। भूकंप का केंद्र जमीन से 3.3 किमी नीचे था।
भूकंप की दिशा रोहतक से पूरब और दक्षिण पूर्व की तरफ 25 किमी दूर तक थी। यह मध्यम तीव्रता का भूकंप था, इसलिए कमजोर भवनों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर भूकंप रिक्टर स्केल पर 5 से ज्यादा होता तो काफी ज्यादा नुसकान हो सकता था। बहरहाल, भूकंप का झटका महसूस करते ही लोग घरों से बाहर निकल गए।
बड़ी बात यह है कि कोरोना संकट से निपटने के लिए 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने के बाद से लगातार कई बार भूकंप आ चुका है। पिछली बार तो भूकंप का केंद्र दिल्ली में ही था। दरअसल, दिल्ली के आसपास से टेक्टॉनिक प्लेट के तीन फॉल्ट गुजर रहे हैं। इस कारण से दिल्ली और आसपास में लगातार भूकंप आ रहे हैं। हालत यह है कि 1 महीने के अंदर चौथा भूकंप आ चुका है। इससे पहले रिक्टर स्केल पर 2.5 से 3.5 तीव्रता के भूकंप आए थे। यानी, हाल के भूकंपों के मुकाबले शुक्रवार का भूकंप सबसे ज्यादा तीव्रता वाला था।
वैसे तो दिल्ली जोन 4 में आता है जो काफी रिस्की जोन है लेकिन राहत की बात यह है कि ये फॉल्ट ज्यादा ऐक्टिव नहीं हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, हिंदुकुश से अरुणाचल प्रदेश तक जो हिमालय का जोड़ है, इसमें इंडियन और यूरेशियन प्लेट एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गतिमान हैं। इस कारण से उत्तराखंड और आसपास के क्षेत्र में ज्यादा तीव्रता के भूकंप आ सकते हैं। ऐसे में दिल्ली को इतना ज्यादा खतरा फिलहाल नहीं है।