प्रवासी मजदूरों के लिए गांव में ही मिलेगा रोजगार : निर्मला सीतारमण

Update: 2020-06-18 12:49 GMT

नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर अपने राज्यों और गांव वापस आ गए है इन्हें रोजगार देने के मकसद से मोदी सरकार ने 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' शुरू करने का फैसला किया। 20 जून को खुद प्रधानमंत्री मोदी इस मिशन की शुरुआत बिहार से करेंगे। उससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमने पूरे देश में 116 जिलों की पहचान की है जहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर घर वापस हुए हैं।

हम आपको बता दें कि 125 दिनों में 116 जिलों के लिए करीब 25 सरकारी योजनाओं को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत एक साथ लाया जाएगा। इन 116 जिलों में बिहार में 32 जिलों, उत्तर प्रदेश में 31 जिलों, मध्य प्रदेश में 24 जिलों, राजस्थान में 22 जिलों, उड़ीसा में 4 जिलों, झारखंड में 3 जिलों को शामिल किया जाएगा। इससे दो तिहाई प्रवासी मजूदरों को कवर किए जाने की उम्मीद है। हम 125 दिनों में इन योजनाओं के सभी स्तरों पर काम करेंगे।' इसके तहत हर जिले में कम से कम 25000 प्रवासी मजदूरों को काम मिलेगा। उन्होंने आश्वास्त किया जिन जिलों में प्रवासी मजदूर अधिक होंगे उन्हें भी काम देने का प्रयास होगा। बात दें कि आत्मनिर्भरत भारत पैकेज में भी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मनरेगा का बजट 40 हजार करोड़ से बढ़ाकर एक लाख एक हजार करोड़ कर दिया है।

जानकारी के लिए बता दें कि इन छह राज्यों के 116 जिलों में करीब 67 लाख प्रवासी मजदूर वापस हुए हैं। इन 116 जिलों में बिहार में 32, उत्तर प्रदेश में 31, मध्य प्रदेश में 24, राजस्थान में 22, ओडिशा में 4 और झारखंड में 3 जिले शामिल हैं।

देश भर के मजदूर लॉकडाउन शुरू होने के बाद गांवों में वापस जाना चाहते थे और केंद्र और राज्य सरकारों ने उन्हें भेजने में व्यवस्था की। हमने उन जिलों पर ध्यान दिया है, जहां वे बड़े पैमाने पर लौट गए हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, पीएम मोदी 20 जून को सुबह 11 बजे बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम में इस अभियान की शुरुआत करेंगे। अभियान बिहार के खगड़िया जिले के ग्राम-तेलिहार, ब्लॉक- बेलदौर से लॉन्च किया जाएगा। आगे पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी इस वर्चुअल लॉन्च में हिस्सा लेंगे।

पीएमओ के अनुसार यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास होगा 125 दिनों के इस अभियान में 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों को तेजी से कराया जाएगा। वहीं दूसरे ओर देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।

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