भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को अपने साथ...ये सात 'स' के साथ आगे बढ़ना चाहिए : पीएम मोदी

Update: 2020-07-04 14:44 GMT

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए सत्ता लोगों की सेवा का माध्यम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सेवा ही संगठन' कार्यक्रम में शनिवार (4 जुलाई) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत में यह कहा। वैश्विक महामारी को रोकने के लिए देश में लगे लॉकडाउन के दौरान भाजपा द्वारा किए गए जनहित कार्यों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के सेवा कार्यक्रमों की इतनी बड़ी व्यापकता, इतनी बड़ी विविधता, इतने बड़े स्केल पर, इतने लंबे समय तक सेवा, मुझे लगता है कि ये मानव इतिहास का सबसे बड़ा सेवा यज्ञ है।

पार्टी कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी ने कहा कि अगर दुनिया के किसी पश्चिमी देश में ये कार्य होता, तो पूरे विश्व में जय जयकार होती। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना काल में सेवाभाव को मानव इतिहास में बहुत बड़ी घटना बताया। उन्होंने कहा, "कोरोना की लड़ाई में इस सेवा यज्ञ ने बहुत बड़ी ताकत दी है। एक राजनीतिक दल के रूप में आपने जो काम किया, उसके लिए आप बधाई के पात्र हैं।"

>>एक ऐसे समय में जब दुनिया में सब अपने आपको बचाने में लगे हों, आप सबने अपनी चिंता छोड़कर खुद को गरीबों, जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया है। ये सेवा का बहुत बड़ा उदाहरण है। हम लोगों ने राजनीति में सत्ता को सेवा का माध्यम माना। हमने कभी भी सत्ता को अपने लाभ का माध्यम नहीं बनाया। निःस्वार्थ सेवा ही हमारा संकल्प रहा है, हमारे संस्कार रहे हैं।

>>लॉकडाउन की मुश्किल परिस्थितियों में, जब सब कुछ बंद था, आपने समर्पित भाव से लाखों-करोड़ों लोगों का जीवन आसान किया है। आप उनका सहारा बने हैं, साथी बने हैं। ये बहुत ही बड़ा काम है। जिसकी हम सेवा करते हैं, उसका सुख ही हमारा संतोष है। इसी भावना से गरीबों के प्रति, इसी समभाव और ममभाव से हमारे कार्यकर्ताओं ने इतने कठिन समय में सेवा ही संगठन का इतना बड़ा अभियान चलाया।

>>किसी ने मास्क बनाकर लोगों में बांटे, किसी ने घर-घर गरीबों को राशन पहुंचाया, तो किसी ने प्रवासी कामगारों का जिम्मा उठाया। कितने ही कार्यकर्ता ऐसे हैं जिन्होंने दो, चार, दस गरीबों को एक तरह से अपने परिवार का ही सदस्य बना लिया। जिसकी जितनी क्षमता थी, उससे ज्यादा काम किया।

>>दुनिया की नजरों में आप कोरोना काल में काम कर रहे थे, लेकिन मैं अपनी बात करूं तो आप खुद को कसौटी पर कस रहे थे। आप अपने आदर्शों के बीच खुद को तपा रहे थे। एक आफत आई तो आपने उसको अवसर में बदल दिया। अवसर ये कि आप ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा कर सकें, ज्यादा से ज्यादा लोगों की तकलीफ कम कर सकें, उन्हें इस मुसीबत से उबार सकें।

>>जिस पार्टी के इतने सांसद हों, हजारों विधायक हों, फिर भी वो पार्टी और उसका कार्यकर्ता सेवा को प्राथमिकता दे, सेवा को ही अपना जीवन मंत्र माने, भाजपा के कार्यकर्ता के नाते मुझे बहुत गर्व होता है कि हम सब ऐसे संगठन के सदस्य हैं। हमारे लिए हमारा संगठन चुनाव जीतने की सिर्फ मशीन नहीं है, हमारे लिए हमारा संगठन का मतलब है 'सेवा'। हमारे लिए हमारे संगठन का मतलब है- 'सबका साथ'... हमारे लिए हमारे संगठन का मतलब है- 'सबका सुख, सबकी समृद्धि'

>>वैसे राजनीति का मूल स्वभाव स्पर्धा होती है, लेकिन एक समान लक्ष्य के साथ, समान भाव से सेवा का काम संगठन की शक्ति बन जाता है। जब हम इस तरह का काम करते हैं, तो एक टीम स्पिरिट पैदा होती है। इस तरह के कार्यों से 'व्यक्ति विकास' और 'व्यक्तित्व विकास' की भी नई संभावनाएं बनती हैं।

>>कोरोना के इस संकट काल में समाज ने आपको स्नेह दिया है, विश्वास दिया है। आप किसी गरीब की मदद कर सकें, इसके लिए समाज ने आपको सामान भी दिया है और साधन भी दिए हैं। देश ने सही समय पर लॉकडाउन का फैसला किया, तो आज दुनिया के मुकाबले भारत में हम कहीं ज्यादा लोगों की जिंदगी बचा पा रहे हैं। गरीबों को कम से कम दिक्कत हो, इसके लिए पौने दो लाख करोड़ रुपए के गरीब कल्याण पैकेज से लेकर गरीबों को अन्न के लिए, रोजगार के लिए विशेष योजनाएं शुरू की हैं।

>>भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को अपने साथ- सात 'स', Seven 'S' की शक्ति लेकर आगे बढ़ना चाहिए। ये सात स हैं- पहला- सेवाभाव, दूसरा- संतुलन, तीसरा- संयम, चौथा- समन्वय, पांचवां- सकारात्मकता, छठा- सद्भावना, और सातवां- संवाद।

>>कोरोना संकट में हमारा ये महायज्ञ, ये सेवा यज्ञ रुकना नहीं जाहिए। महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई रुकनी नहीं चाहिए। कोरोना संकट में हमें खुद भी सावधानी रखनी है और दूसरों को भी जागरूक करते रहना है। आज आपके पास से जो कुछ भी सुनने को मिला उसने मुझे भी एक नई ऊर्जा दी है, काम करने के संकल्प को और मजबूत किया है।

>>भाजपा ने समाज के वंचित तथा गरीब वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य किया है। पार्टी के 53 दलित, 43 आदिवासी और 113 से अधिक ओबीसी सांसद हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए देश सबसे पहले है और बाकी सब इसके बाद है, राष्ट्रवाद हमारे मूल्यों में समाहित है। कोविड-19 महामारी के दौरान भाजपा कार्यकर्ता जोखिम उठाकर राहत कार्यों में लगे हैं, कुछ ने तो अपनी जान तक गंवा दी।

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