राकेश टिकैत, मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव, सहित 37 किसान नेताओं पर FIR दर्ज
नईदिल्ली। दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के संबंध में 22 एफआईआर दर्ज की है। जिसमें राकेश टिकैत, मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव, सहित 37 किसान नेताओं को नामजद किया गया है। कल हुई हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए है।जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए 200 लोगों को हिरासत में भी लिया है। 93 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस हिंसा करने वालों के खिलाफ सबूत जुटा रही है।
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की एफआईआर में ट्रैक्टर रैली के संबंध में जारी एनओसी के उल्लंघन के लिए किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्राहां के नाम शामिल हैं। इसी बीच संबंधित संगठनों ने कहा कि केंद्र सरकार किसान आंदोलन से बुरी तरह हिल गई है, इसलिए किसान मजदूर संघर्ष समिति और अन्य लोगों के लिए यह साजिश रची गई।
इन लोगों के नाम हुई एफआईआर -
अभी तक जिन नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं उनमें राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, राजेन्द्र सिंह, बलबीर सिंह, बूटा सिंह और जोगिंदर सिंह का नाम शामिल है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दंगे के लिए भड़काने से लेकर हत्या प्रयास तक के सेक्शन इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में लगाये गए हैं। पुलिस का कहना है कि अभी इन नेताओं की भूमिका को लेकर जांच की जाएगी और जल्द ही उन्हें पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है। पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद ही किसी किसान नेता की गिरफ्तारी की जा सकती है।
आंदोलन की आड़ में आतंक -
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने न केवल पुलिस के साथ पारस्परिक रूप से सहमत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया, बल्कि किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली की सड़कों पर उग्रता दिखाई और संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया। आंदोलनकारी किसानों के इस व्यवहार से ड्यूटी पर गए पुलिसकर्मियों का जीवन भी खतरे में पड़ गया। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर पांडव नगर, गाजीपुर, सीमापुरी, कोतवाली, उत्तम नगर, नजफगढ़ और बाबा हरीदास नगर थाने में उपद्रवी आंदोलनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।