फर्जी दस्तावेजों लगाकर हासिल किया था कैथलैब का रजिस्ट्रेशन: मिशनरी अजय लाल समेत 9 पर एफआईआर दर्ज
दमोह के लाल परिवार के ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित मिशन अस्पताल के एक और फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है।;

दिनेश दुबे : दमोह- शहर के लाल परिवार के ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित मिशन अस्पताल के एक और फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। जिसमें पता चला कि जिस डॉक्टर को कार्डियोलॉजिस्ट दर्शा कर कैथ लैब का रजिस्ट्रेशन कराया था वह भी फर्जी निकला है।
जबलपुर के कार्डियोलॉजिस्ट अखिलेश दुबे ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दमोह को पत्र लिखकर स्पष्ट रूप से कहा है कि ना तो लैब के लिए उनका कोई सहमति पत्र लिया गया और ना ही ऐसे किसी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए हैँ।मिशन अस्पताल के प्रबंधन के लोगों ने उनके फर्जी दस्तखत बनाकर फर्जी सहमति पत्र लगाकर पंजीयन कराया है।
उसके बाद शहर के मिशन अस्पताल प्रबंधन समिति पर दमोह पुलिस ने अवैध कैथ लैब संचालन के आरोप के तहत कई धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। एएसपी संदीप मिश्रा ने बताया कि जबलपुर के डॉक्टर अखिलेश दुबे ने दमोह सीएमएचओ मुकेश जैन को लिखित शिकायत की थी कि उन्हें जानकारी मिली है कि मिशन अस्पताल प्रबंधन के द्वारा उनके नाम से फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर कैथ लैब संचालित की जा रही है।
उन्होंने जब ऑनलाइन दस्तावेजों को सर्च किया तो उसमें उनके फर्जी हस्ताक्षर भी मिले। सीएमएचओ जैन ने इस मामले में जांच कर एक रिपोर्ट पुलिस को दी, जिसमें मिशन अस्पताल प्रबंधन समिति पर एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया गया।
*इन पर हुआ मामला दर्ज*
सोमवार देर रात कोतवाली में मिशन अस्पताल प्रबंधन समिति में शामिल आरोपी सेन्ट्रल इंडिया क्रिश्चियन मिशन मारुताल दमोह निवासी अजय लाल पिता विजय लाल,असीमा न्यूटन पिता रजनीश मोरिस न्यूटन, फ्रेंक हैरीसन पिता एच इम्यूनल, बेथलेहम केम्पस जबलपुर रोड दमोह निवासी इंदू लाल पति अजय लाल, वैशाली नगर निवासी जीवन मैसी पिता जोशफ मैसी, क्रिश्चियन कालोनी निवासी रोशन प्रसाद पिता राजेश प्रसाद, हाउसिंग बोर्ड सिविल वार्ड नं. 7 निवासी कादर यूसुफ पिता उमर फारुक, संजीव लेम्बर्ड, विजय लैम्बर्ड के खिलाफ धारा 318(4), 336 (2), 340(2), 105,3 (5) बीएनएस, मध्यप्रदेश उपचारगृह एवं रुजोपचार अधिनियम (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 व नियम 1997 संशोधित नियम 2021 की धारा 12 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले को विवेचना में लिया गया।
सभी आरोपी फरार
मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार हैं जिसमें से अजय लाल व उसकी पत्नी पहले से विदेश में है। अब देखना होगा कि इस कार्रवाई के बाद इन भ्रष्ट आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर पाती है या नहीं, या पूर्व के मामलों की तरह आरोपी कोर्ट की शरण में जाकर जमानत का लाभ ले जाएंगे।