नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद का रविवार को निधन हो गया। वह फेफड़े में संक्रमण को लेकर दिल्ली एम्स में भर्ती थे लेकिन हालत खराब होने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह को वेंटिलेटर पर रखा गया था। तीन दिन पहले ही उन्होंने लालू यादव को पत्र लिखकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से इस्तीफा दे दिया था। उनके निधन पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि यह राजनीति की सबसे बड़ी क्षति है।
एम्स में दो दिन पहले उनकी हालत बिगड़ गई थी। संक्रमण बढ़ गया था और सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनका पटना के एम्स में इलाज किया गया था। कुछ ठीक होने के बाद उन्हें पोस्ट कोविड मर्ज के इलाज के लिए दिल्ली एम्स ले जाया गया था। अभी तीन दिन पहले ही उन्होंने राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
रघुवंश प्रसाद सिंह साल 1977 से लगातार सियासत में रहे। वे लालू प्रसाद यादव के करीबी व उनके संकटमोचक माने जाते रहे। पार्टी में उन्हें दूसरा लालू भी माना जाता था। वे लगातार चार बार वैशाली से सांसद रहे। यूपीए की सरकार में मंत्री भी रहे। विपक्ष में रहते हुए वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को घेरने में सबसे आगे रहे।