तालिबान के प्रभाव को जानने 70 केंद्रीय मंत्री जाएंगे कश्मीर, PMO-गृहमंत्रालय को देंगे रिपोर्ट
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में दोबारा विधानसभा बहाली की उठ रही मांग के बीच वहां किस तरह आगे बढ़ा जाए। ये जानने के लिए मोदी सरकार ने बड़ी पहल की है। जिसके तहत केंद्रीय मंत्रियों के दल राज्य का दौरा करेंगे। इस दौरान वे लोगों, प्रशासन और प्रतिनिधियों के साथ सीधे बातचीत करेंगे।
जानकारी के अनुसार 9 हफ्तों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 78 में से 70 मंत्री हिस्सा लेंगे। 10 सितंबर से शुरू हो रहे इस कार्यक्रम के तहत हर सप्ताह 8 केंद्रीय मंत्री राज्य का दौरा करेंगे। जिसमें से 4 मंत्री जम्मू और 4 कश्मीर जाएंगे। मंत्री अपने विभाग से संबंधित जानकारी को नोट करेंगे और वापस लौटकर गृह मंत्रालय (MHA) और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को रिपोर्ट सौपेंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जम्मू और कश्मीर के दौरे पर जाएंगे या नहीं, अभी इसपर कुछ तय नहीं हुआ है।
ये दूसरी कोशिश -
राज्य में अनुच्छेद 370 हटने के बाद सरकार और जनता के बीच संवाद का ये दूसरा प्रयास है। इससे पहले साल 2020 में 18-24 जनवरी के बीच 36 केंद्रीय मंत्रियों ने जम्मू और कश्मीर का दौरा किया था। इस दौरान भी जो केंद्रीय मंत्री जम्मू और कश्मीर के दौरे पर गए थे, उन्होंने भी वापस लौटकर रिपोर्ट्स सौंपी थीं।
तालिबान के प्रति सोच जाने का मौका -
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद सरकार का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तालिबान और पाकिस्तान के बीच मधुर संबंध होने से जम्मू कश्मीर में अस्थिरता का खतरा बढ़ गया है। तालिबान ने भी एक दिन पहले जम्मू -कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसमें उसने कहा की वह कश्मीर में मुसलमानों की आवाज उठाएगा। तालिबान के इस बयान के बाद सुरक्षा विशेषज्ञों ने आने वाले समय में पाकिस्तान द्वारा तालिबान के सहयोग राज्य में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की आशंका जताई है। ऐसे में केंद्रीय मंत्रियों द्वारा जनता से सीधे संवाद होने से आम लोगों की मनोदशा जानने में मदद मिलेगी। वहीं सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यो की सीधी जानकारी देने का अवसर मिलेगा। तालिबान को लेकर वहां के नागरिकों की क्या सोच है, मंत्री अपनी रिपोर्ट्स में इसकी भी जानकारी देंगे।