तेज आवाज में डीजे साउंड सिस्टम को लेकर हाईकोर्ट सख्त: सरकार से पूछा ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए क्या कार्रवाई की?
कोर्ट ने राज्य सरकार को 2 हफ्तों में जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी।;
जबलपुर। एमपी में कानफोड़ू डीजे साउंड सिस्टम की समस्या पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है, जबलपुर हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है, कि आखिर वो इस साउंड पॉल्यूशन को रोकने के लिए क्या कार्रवाई कर रही है। कोर्ट ने राज्य सरकार को 2 हफ्तों में जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी।
हाईकोर्ट में ये याचिका अमिताभ गुप्ता नाम के एक अधिवक्ता ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि तेज आवाज वाले साउंड सिस्टम न केवल स्वास्थ्य बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी बड़ा खतरा हैं। याचिका में कहा गया है कि तेज आवाज वाले डीजे से हियरिंग लॉस, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिसीज, एनजाईटी और हार्मोनल डिस्ऑर्डर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इस याचिका में धार्मिक कार्यक्रमों में तेज आवाज वाले डीजे बजाने से हुईं सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं का भी हवाला दिया गया है, याचिका में कहा गया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत रहवासी क्षेत्रों में साउंड सिस्टम की अधिकतम सीमा दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से ज्यादा नहीं हो सकती लेकिन इसके उलट एमपी में 100 डेसिबल तक डीजे बजाए जा रहे हैं।
खास बात यह रही कि याचिकाकर्ता गुप्ता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में ही एक मोबाईल एप से साउंड पॉल्यूशन रिकॉर्ड कर जजों को दिखाया, जो करीब 70 डेसिबल रिकॉर्ड हुआ। बहरहाल हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को याचिका में उठाए गए सभी मुद्दों का बिंदुवार जवाब पेश करने का आदेश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 21 मार्च को की जाएगी।