गुफा में छिपा है भगवान शिव का मंदिर जटाशंकर धाम, जानें MP के इस तीर्थ स्थल के बारे में

सबसे खास धार्मिक स्थल जटाशंकर गुफा के बारे में आज हम बात कर रहे हैं जो भगवान शिव की आराधना का पवित्र स्थल है तो वहीं घूमने के लिए भी खूबसूरत जगह है।

Update: 2024-05-23 13:58 GMT

Jatashankar Cave: मध्य प्रदेश में जहां विभिन्न संस्कृतियों और खूबसूरत वादियों की झलक (MP Tourism ) देखने के लिए मिलती है तो वहीं पर यहां धार्मिक तीर्थ स्थलों में कई सारी जगह काफी प्रसिद्ध है। इनके बारे में हर कोई जानता है इनमें सबसे खास धार्मिक स्थल जटाशंकर गुफा (Jatashankar Cave) के बारे में आज हम बात कर रहे हैं जो भगवान शिव की आराधना का पवित्र स्थल है तो वहीं घूमने के लिए भी खूबसूरत जगह है।

जानिए कहां स्थित है जटाशंकर गुफा 

यहां पर जटाशंकर एक प्राकृतिक गुफा है, जो भारत के मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में पचमढ़ी के उत्तर में स्थित हिंदू तीर्थस्थल है यहां यह गुफा गहरी खाई में स्थित है, जिसके ऊपर विशाल पत्थर हैं। गुफा में प्राकृतिक रूप से बने लिंगम के रूप में पूजनीय स्टैलेग्माइट हैं। गुफा भगवान शिव के मंदिर के रूप में जानी जाती हैं। यहां इस गुफा का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया है। 




कैसे रखा गया इस गुफा का नाम जटाशंकर

यहां इस गुफा का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया है। जटा का अर्थ है बाल और शंकर भगवान शिव का दूसरा नाम है। इलाके में दो अलग-अलग प्रकार के तालाब हैं, जो झरनों से भरे हैं, एक ठंडे पानी का और दूसरा गर्म पानी का। वहीं पर गुफा के अंदर प्राकृतिक रूप से 108 शिव लिंगम बने हैं। आप शायद नहीं जानते ,गुफा में पानी एक अज्ञात बिंदु से बहता है क्योंकि किसी ने कभी उस प्रारंभिक बिंदु को नहीं देखा या उस तक नहीं पहुँचा है। पानी की यह धारा लोकप्रिय रूप से 'गुप्त गंगा' के रूप में जानी जाती है।

जानिए जटाशंकर से जुड़ी पौराणिक कथा

इस जटाशंकर गुफा से जुड़ी पौराणिक कथा भी है जिसमें भस्मासुर शिव का एक भक्त था भस्मासुर जो भगवान शिव की आराधना कर एक विशेष क्षमता प्राप्त करना चाहता था - पीड़ित के सिर को हाथ से छूकर किसी को भी भस्म कर देना। काफी देर तक अनुनय-विनय करने के बाद शिव मान गये। लेकिन भक्त ने अपनी इस विद्या का प्रयोग भगवान शिव पर करना चाहा शिव तिलक सिन्दूर से एक सुरंग के माध्यम से भाग निकले और अंत में सुदूर गुफा - जटा शंकर तक पहुँचे। गुफा से भागते समय उसके बाल झड़ गए। तब से इस गुफा की स्थापना हो गई।




जाने क्या है घूमने का समय 

यहां पर महाशिवरात्रि के समय दर्शन करने के लिए का श्रद्धालुओ मेला लगता है। तो वहीं मंदिर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। गुफा के आसपास के नाटकीय दृश्यों का अक्सर भारतीय फिल्मों में उपयोग किया जाता है। यहां की खूबसूरती देखने के लिए पर्यटक दूर से आते हैं।


कैसे पहुंचे जटाशंकर गुफा 

यहां घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको कई परिवहन सेवाएं मिल जाएगी।

सड़क द्वारा

यह शहर भारत के कुछ प्रमुख शहरों से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। पचमढ़ी से भोपाल (200.1 किमी), पिपरिया (52.3 किमी) और छिंदवाड़ा (135.1 किमी) के लिए रोजाना नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

रेल द्वारा

निकटतम रेलवे स्टेशन पिपरिया रेलवे स्टेशन है जो मंदिर से 51 किमी की दूरी पर है।

हवाई मार्ग द्वारा

निकटतम हवाई अड्डा राजा भोज हवाई अड्डा है जो मंदिर से 230 किमी की दूरी पर है।

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