लिथियम का भंडार कुबेर के खजाने से कम नहीं, जानिए क्यों कहा जा रहा भारत अब बन जाएगा महाशक्ति
भारत में मिले इस भंडार की कीमत आज की तारीख में करीब 33,84,31,021 लाख रुपये आंकी गई है
श्रीनगर/वेबडेस्क। देश में पहली बार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लीथियम का भंडार मिला है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को राज्य के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में खोज के दौरान लीथियम मिला है। जब पूरी दुनिया ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रही है। ऐसे समय में देश के अंदर लीथियम का इतना बड़ा भंडार मिलना किसी कुबेर का खजाना हाथ लगने से कम नहीं है। वर्तमान समय में चीन और ऑस्ट्रेलिया दुनियाभर में इसके बड़े आपूर्तिकर्ता हैं।
आज के दौर में भारत समेत विश्व के कई देश पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर अपनी निर्भरता को कम कर रहे हैं। इसकी जगह पर इलेक्ट्रिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए शोध किया जा रहा है। जिसके लिए भरपूर मात्रा में लीथियम का होना बेहद जरुरी है। क्योंकि स्मार्टफोन हो, इलेक्ट्रिक वाहन हो या नॉर्मल कार या फिर कोई और बैटरी वाला प्रोडक्ट सभी में लीथियम आयन बैटरी का उपयोग होता है। जिस लिथियम की एक समय तक दुनिया भर में कोई पूछ नहीं थी, वह आज ग्र्रीन एनर्जी के युग में 'सोना' बन गया है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में आएगा बूस्ट -
रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2000 से 2015 के बीच लिथियम की डिमांड 30 गुना बढ़ी है। एक अनुमान के मुताबिक साल 2015 से 2025 के बीच इसकी डिमांड में 1 हजार गुना बढ़ सकती है। वर्तमान समय में भारत लीथियम पाने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। लीथियम आयात करने से इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर सभी बैटरी उत्पाद महंगे पड़ते है। भारत में लिथियम का भंडार मिलने से बैटरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। जिसके कारण इलेक्ट्रीक वाहनों की कीमतों में भी गिरावट आएगी। भारत की पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता कम होगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
भारत में मिले लीथियम की कीमत-
खनन मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने जम्मू-कश्मीर में रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन (59 लाख टन) के लीथियम भंडार का पता लगाया है। भारत में मिले इस भंडार की कीमत आज की तारीख में करीब 33,84,31,021 लाख रुपये आंकी गई।
लिथियम के प्रमुख उत्पादक -
वर्तमान समय में लीथियम के मामले में ऑस्ट्रेलिया सबसे आगे है। साल 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर का 52 फीसदी लिथियम ऑस्ट्रेलिया उत्पादित करता है। इस क्रम में दूसरे नंबर पर चिली है, जिसकी हिस्सेदारी 24.5 फीसदी है। वहीँ चीन इस सूची में तीसरे नंबर पर है, जो 13.2 परसेंट लिथियम प्रोड्यूस करता है। आज की तारीख में ये तीन देश की विश्व का 90फ फीसदी लीथियम प्रोड्यूस करते है।