Rahul Gandhi in Virginia: वर्जीनिया में ये क्या बोल गए लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कहा - मोदी का विचार, 56 इंच का सीना...

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका के तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी को निशाना बनाया।

Update: 2024-09-10 03:51 GMT

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका के तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने वर्जीनिया में प्रवासी भारतीय मजदूरों को संबोधित किया। जहां राहुल गांधी न सिर्फ बीजेपी बल्कि आरएसएस पर भी हमला किया। राहुल गांधी ने कहा ये लोग(RSS) वाले भारत को भारत नही समझते। आरएसएस का कहना है कि कुछ राज्य अन्य राज्यों से कमजोर हैं। कुछ भाषाएं अन्य भाषाओं से कमतर हैं, कुछ धर्म अन्य धर्मों से निम्न हैं, और कुछ समुदाय अन्य समुदायों से कमतर हैं। सभी राज्यों का अपना इतिहास है, परंपरा है। आरएसएस की विचारधारा तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी है, ये निम्न भाषाएं हैं। यही लड़ाई है।

पीएम मोदी को लेकर बोले ये बात

राहुल गांधी ने आगे पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, "चुनावों के बाद अब सब कुछ बदल गया है। कुछ लोगों ने कहा कि 'डर नहीं लगता अब, डर निकल गया अब' मेरे लिए यह दिलचस्प है कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर फैलाया और छोटे व्यवसायों पर एजेंसियों का दबाव, सब कुछ एक सेकंड में गायब हो गया। उन्हें यह डर फैलाने में सालों लग गए और एक सेकंड में गायब हो गया। संसद में, मैं प्रधानमंत्री को सामने देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि श्री मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है।"

यह नियंत्रित चुनाव था

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि, "चुनावों से पहले, हम इस विचार पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया गया है। आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली पर कब्ज़ा कर लिया है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्ज़ा कर लिया है। हम यह कहते रहे लेकिन लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था। मैंने संविधान को आगे रखना शुरू किया और मैंने जो कुछ भी कहा था, वह अचानक से फूट पड़ा। गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत, जिसने यह समझ लिया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा। गरीब लोगों ने गहराई से समझ लिया कि यह संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच की लड़ाई है। जाति जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हो गया। ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब थी। उनके पास बहुत बड़ा वित्तीय लाभ था। उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे। चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे। पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम करें। जिन राज्यों में वे कमज़ोर थे, उन्हें उन राज्यों से अलग तरीके से डिज़ाइन किया गया था जहां वे मज़बूत थे। मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं बल्कि नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं।"

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