Mayawati: अब कभी गठबंधन नहीं...मायावती ने चुनावों के कड़वे अनुभव से लिया सबब, एकला चलो की राह पर बसपा

Update: 2024-10-11 09:23 GMT

उत्तरप्रदेश। हाल ही में हुए चुनाव परिणाम के कड़वे अनुभव से सबब लेते हुए बसपा एकला चलो की राह पर आगे बढ़ेगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को इस बात का ऐलान कर दिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि, "अब कभी बसपा किसी क्षेत्रीय दल से भी गठबंधन नहीं करेगी।"

मायावती ने एक्स पर लिखा कि, "यूपी सहित दूसरे राज्यों के चुनाव में भी बीएसपी का वोट गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाने किन्तु उनका वोट बीएसपी को ट्रांसफर कराने की क्षमता उनमें नहीं होने के कारण अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलने से पार्टी कैडर को निराशा व उससे होने वाले मूवमेन्ट की हानि को बचाना जरूरी। इसी संदर्भ में हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम व इससे पहले पंजाब चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर आज हरियाणा व पंजाब की समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब आगे गठबंधन नहीं करने का निर्णय, जबकि भाजपा/एनडीए व कांग्रेस/इण्डिया गठबंधन से दूरी पहले की तरह ही जारी रहेगी।"

अपना उद्धार स्वंय करेंगे :

बसपा प्रमुख मायावती ने आगे लिखा कि, "देश की एकमात्र प्रतिष्ठित अम्बेडकरवादी पार्टी बीएसपी व उसके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के कारवाँ को हर प्रकार से कमजोर करने की चौतरफा जातिवादी कोशिशें लगातार जारी हैं, जिस क्रम में अपना उद्धार स्वंय करने योग्य व शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया पहले की तरह ही जारी रखनी जरूरी।"

इधर-उधर में ध्यान भटकाना अति-हानिकारक :

मायावती ने एक्स पर लिखा कि, "बीएसपी विभिन्न पार्टियों/संगठनों व उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि ’बहुजन समाज’ के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारा व सहयोग के बल पर संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनाने व उनको शासक वर्ग बनाने का आन्दोलन है, जिसे अब इधर-उधर में ध्यान भटकाना अति-हानिकारक।"

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