Monsoon Diet : बरसात के मौसम में बीमार होने से कैसे बचें? क्या खाएं और क्या नहीं
मानसून आने से गर्मी से तो छुटकारा मिल जाता है लेकिन ये मौसम अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है|
भारत के कई जगह में मानसून ने दसतक दें दी है| मानसून आने से गर्मी तो राहत मिलती है| लेकिन मानसून अपने साथ कई बीमारी भी लेकर आता है,जैसे मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड के साथ अन्य बीमारियों का बढ़ना भी है।इसे बचने के लिए जरुरी है हमे मानसून में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं| इस आर्टिकल में आपको मानसून डाइट के बारे में डिटेल में बताया गया है|
क्या खाना चाहिए
हल्दी और अदरक
अपने आहार में हल्दी और अदरक को शामिल करें। हल्दी में कर्कुमिन होता है, जो अपनी एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों के लिए जानी जाती है, जो आपकी प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ा सकता है और संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो पाचन में सहायक होते हैं और सामान्य प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
गर्म पानी
हर्बल चाय, अदरकी चाय या शहद और नींबू वाला गर्म पानी को पीने के लिए चुनें। ये आपको ताजगी देंगे और प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता हैं। तुलसी, या हरे चाय जैसी हर्बल चायें एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को सहायक हो सकती हैं।
सब्जियाँ और फल धोकर खाएं
खाने से पहले सभी फल और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर खाएं, ताकि उनमें किसी भी धूल, कीटनाशक हट जाएं। मानसून में बढ़ी हुमिडिटी के कारण फलों और सब्जियों की सतह पर बैक्टीरिया और फंगस की लग सकती है, इसलिए इन्हें ठीक से साफ करना संक्रमण के खतरे को कम करता है।
हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन
हल्के भोजन जैसे सूप, खिचड़ी, उबली हुई सब्जियाँ और दाल को शामिल करें। ये आपके पाचन को सहायक होते हैं और आपके शरीर को उर्जा प्रदान कर सकता हैं।
क्या नहीं खाना चाहिए
तेलीय और भारी खाना: ज्यादा तेलीय और तली हुई चीजें खाना बंद करें। इन्हें पाचन करना मुश्किल हो सकता है और इंफेक्शन के खतरे को बढ़ा सकता है। समोसा या पकौड़े जैसे तले हुए चीजे खाने से अपच, सूजन, दस्त, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं भी हो सकती हैं।
बाहर का खाना और जंक फ़ूड: बाहर का खाना और अनहेल्दी जंक फ़ूड से दूर रहें। इनमें अधिक मात्रा में तेल और चीनी हो सकती है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं।सड़क किनारे कटे फल, चाट, बर्गर, पिज़्ज़ा, बेकरी आइटम खानें से बचें। बाहर का खाना लंबे समय तक खुला रखने पर उस पर बैक्टीरिया पनपने लगतीं हैं जिस कारण से फूड पॉइजनिंग और जलजनित संक्रमण का खतरा दोगुना हो जाता है।