भोपाल। विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी और हंगामा किया। सदन स्थगित करने से पहले विधानसभा में हंगामा के बीच अन्य जरूरी प्रस्ताव बिना किसी चर्चा के पारित कर दिए। इसके साथ ही पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का अवसान हो गया।
शुक्रवार को सदन में विपक्षी दल कांग्रेस ने जनजातीय विभाग के अनुपूरक बजट से संबंधित मामलों को बहुत ही गंभीरता से साथ उठाया। कांग्रेस सदस्यों के लगातार हंगाम के चलते पहले प्रश्नकाल स्थगित हुआ, जब दोबारा कार्यवाही प्रारंभ हुई, तब भी कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करते रहे। अध्यक्ष के कई बार समझाने एवं सदन की कार्यवाही सुचारी रूप से चलाने के लिए कई बार आग्रह करने के बाद भी जब हंगामा शांत नहीं हुआ।
हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने अशासकीय संकल्प की सूचना पढ़ी और उन्हें भी बिना चर्चा पारित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही कांग्रेस सदस्य एवं पूर्व मंत्री ओंकार सिंह मरकाम ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट में जनजातीय विभाग के लिए काफी कम बजट होने का मामला उठाते हुए अनेक सवाल किए। इस दौरान ध्यानाकर्षण सूचनाएं भी कार्यवाही में ली गयीं। वन मंत्री विजय शाह ने एक विनियमन संशोधन विधेयक विचार के लिए प्रस्तुत किया। लेकिन सदन में हंगामा इतना अधिक था कि इस पर कोई चर्चा नहीं कराई जा सकी, जिसके चलते इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इसी तरह लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन विधेयक विचार के लिए रखा, पर उस पर भी चर्चा नहीं हो पाई और ध्वनि मत से उसे भी पारित कर दिया गया। इसके अलावा मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान (विनियमन) संशोधन विधेयक 2021 को बगैर चर्चा ध्वनिमत से पारित कर दिया गया । सदन में कांग्रेस सदस्यों ने पहले प्रश्नकाल बाधित किया और सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा। तक विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कार्यसूची में शामिल विषयों को क्रमवार पूरा करते हुए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।