MP Lok Sabha Election 2024 : मध्यप्रदेश में BJP के क्लीन स्वीप करने की ये है बड़ी वजह
MP Lok Sabha Election 2024 : सभी जगह चर्चा इस बात कि, 2019 में 28 सीट जीतने वाली भाजपा 29 सीट जीत कैसे गई।
MP Lok Sabha Election 2024 : मध्यप्रदेश। लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस का आखिरी किला भी फतेह कर लिया है। जीत का जश्न मनाया जा रहा है लेकिन सभी जगह चर्चा इस बात कि, 2019 में 28 सीट जीतने वाली भाजपा एन्टीइन्कम्बेंसी को पार करते हुए 29 सीट जीत कैसे गई। कांग्रेस जो सीट मोदी लहर में भी बचा ले गई थी उसे ऐसे समय में गवा बैठी जब भाजपा अपने दम पर 272 के आंकड़े को पार करने को तरस गई। आइए जानते हैं वो बड़ी वजह कारण मध्यप्रदेश में हो गई भाजपा की बल्ले - बल्ले।
पहला कारण - बजेपी का गढ़ है मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश भाजपा का गढ़ है, इसमें कोई दोराहे नहीं। कई सीट ऐसी जहां 80, 90 के दशक से भारतीय जनता पार्टी जीतती आई है। यहां के कोर वोटर्स भाजपा के समर्थक हैं। इन सीट में बालाघाट, बैतूल, भिंड,भोपाल, विदिशा जैसी सीट शामिल है। यहां कांग्रेस ने 1989 से जीत का मुंह नहीं देखा।
दूसरा कारण - लाड़ली बहना योजना
ये योजना भाजपा के लिए काफी शुभ साबित हुई। मध्यप्रदेश में वोटर्स की आधी आबादी महिलाओं की है। इस योजना के तहत महिलाओं के खाते में कैश ट्रांसफर किया जाता है। यही वो योजना थी जिसने विधानसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाई थी। अब लोकसभा चुनाव में भी इसने भाजपा के पक्ष में वोट डलवाने में अहम भूमिका निभाई है।
तीसरा कारण - बड़े नेताओं की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी समेत भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने यहां जोर शोर से प्रचार किया। अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह समेत योगी आदित्यनाथ ने कई सीटों पर प्रचार किया। इससे कोर वोटर्स किसी और पार्टी को वोट नहीं दिया।
चौथा कारण - कमजोर विपक्ष
मध्यप्रदेश में कांग्रेस विपक्षी पार्टी है लेकिन यहां कांग्रेस संगठन की कमजोरी से जूझ रही है। कई नेता चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए। कुछ ने नामांकन ही वापस ले लिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कांग्रेस के नेताओं को मनाने में लगे रहे लेकिन इसका चुनाव में कोई फायदा नहीं हुआ।
पांचवा कारण - कमलानथ ने प्रचार से बनाई दूरी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ने इस चुनाव में खुद को छिंदवाड़ा तक ही सीमित कर लिया। उन्होंने प्रचार में ज्यादा हिस्सा नहीं लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि, मध्यप्रदेश में कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली सीट ही वे गवा बैठे।
छठवां कारण - नहीं चले कांग्रेस के वादे
इस चुनाव में कांग्रेस ने कई वादे किये थे। इनमें नौकरी की गारंटी, खटाखट - खटाखट कैश ट्रांसफर जैसे वादे थे लेकिन मध्यप्रदेश की जनता ने मोदी की गारंटी पर विश्वास जताया।