Nameplate Controversy : रामदेव को पहचान बताने में दिक्कत नहीं तो रहमान को क्या परेशानी?

Kanwar Yatra Nameplate Controversy : उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

Update: 2024-07-21 04:23 GMT

Nameplate Controversy

Nameplate Controversy : इस समय देश भर में नेमप्लेट को लेकर हो रहा विवाद काफी चर्चा में है। उत्तरप्रदेश समेत उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों के नाम लिखना जरूरी कर दिया गया है। विपक्ष भाजपा सरकार के इस फैसले पर कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। कई लोग सरकार की आलोचना भी कर रहे हैं लेकिन प्रशासन इस आदेश को सख्ती से लागू करवा रहा है। अब इस विवाद में बाबा रामदेव भी उतर आए हैं।

उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर लगी 'नेमप्लेट' पर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, "अगर रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है तो रहमान को अपनी पहचान बताने में क्या दिक्कत होनी चाहिए? हर किसी को अपने नाम पर गर्व होना चाहिए। नाम छिपाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ काम में शुद्धता की जरूरत है। अगर हमारा काम शुद्ध है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम हिंदू हैं, मुसलमान हैं या किसी और समुदाय से हैं।"

असदउद्दीन ओवैसी ने क्या कहा :

इस मामले में AIMIM प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने कहा कि, 'यूपी के कांवर मार्गों पर डर, यह भारतीय मुसलमानों के प्रति नफरत की वास्तविकता है, इस आंतरिक नफरत का श्रेय राजनीतिक दलों, हिंदुत्व के नेताओं और तथाकथित दिखावटी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को जाता है।'

क्या है मामला :

उत्तरप्रदेश में मुजफ्फरनगर प्रशासन ने एक आदेश पारित किया था जिसके अनुसार कांवड़ यात्रा के रूट पर पढ़ने वाले सभी दुकानों और होटलों के लिए नेमप्लेट लगाना और दुकानदारों का नाम बताना जरूरी था। अब ये व्यवस्था पूरे उत्तरप्रदेश में लागू हो रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया था।

आदेश में कहा गया है कि, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश भर में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगानी होगी। कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा आदेश के अनुसार हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी।

इसके बाद उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने भी इसी तरह की व्यवस्था लागू की। हरिद्वार एसएसपी द्वारा जानकारी दी गई थी कि, 'कांवड़ यात्रा के रूट पर पड़ने वाले ढाबों और होटल मालिकों को दुकान और स्टाफ का नाम लिखना जरूरी है। यहां दुकानदारों का वेरिफिकेशन भी किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा दुकानदारों के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।'

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