पर्यटकों को लुभा रहा काशी का नमो घाट: आधुनिक सुविधाओं के साथ धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र

Update: 2024-11-14 12:17 GMT

वाराणसी। काशी की परंपरानुसार उदयागामी भगवान भास्कर का अभिवादन करता 'नमो घाट' का नमस्ते स्कल्पचर पर्यटकों को लुभा रहा है। सुबह सूर्य की सिंदूरी किरणें काशी के अर्धचंद्राकार घाटों की छटा में चार चाँद लगाती हैं।

ऐसे ही सुबह-ए-बनारस की अलौकिक दृश्य को देखने के लिए दुनिया से पर्यटक काशी खींचे चले आते हैं। सुबह-ए-बनारस का दिव्य और भव्य नज़ारा का लुत्फ अब पर्यटक विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले ख़ुबसूरत नमो घाट से भी ले सकेंगे।

आस्था ,पर्यटन और रोजगार के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं वाला नमो घाट बन कर तैयार हो गया है। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का 15 नवंबर को नमो घाट का औपचारिक उद्घाटन करना प्रस्तावित है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी भी मौजूद रहेंगे।

प्राचीनता और आधुनिकता के साथ तालमेल मिलाकर चलती काशी के घाटों की श्रृंखला में एक और पक्का घाट जुड़ गया है। यह वाराणसी के पहले मॉडल घाट के रूप में जुड़ा है। इसका विस्तार नमो घाट से आदिकेशव घाट (लगभग 1.5 किलोमीटर) हुआ है। घाट की बनावट और अंतरराष्ट्रीय सुविधा के साथ नमस्ते का स्कल्पचर पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।

जल,थल और नभ से जुड़ने वाले यह पहला घाट होगा, जहां हेलीकाप्टर भी उतारा जा सकता है। यहां फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, ओपन एयर थियेटर, कुंड, फ्लोटिंग जेटी पर बाथिंग कुंड तथा चेंजिंग रूम का भी निर्माण हुआ है।

योग स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, कैफ़ेटेरिया के अलावा कई अन्य सुविधाएं हैं। यह वाराणसी का पहला घाट है, जो दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है। नमो घाट का पुनर्निर्माण दो फेजों मे किया गया है। इसका निर्माण 81000 स्क्वायर मीटर में 91.06 करोड़ से किया गया है। इस परियोजना को स्मार्ट सिटी मिशन तथा इंडियन ऑयल फाउंडेशन द्वारा मिल कर वित्तपोषित किया गया है।


डबल इंजन सरकार ने पक्का नमो घाट बनवाया है ,जहाँ वर्ल्ड क्लास सुविधाएं होंगी। सूर्य का अभिवादन करता हुआ स्कल्पचर नमो घाट की नई पहचान बन गई है।

वाराणसी के मंडलायुक्त और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष कौशल राज शर्मा ने बताया कि नमो घाट के पुनर्विकास में मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान दिया गया है। इस घाट पर वोकल फॉर लोकल भी दिखेगा। भविष्य में लोग यहाँ वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स और हेली टूरिज्म का भी लुफ़्त ले सकेंगे। सेहतमंद रहने के लिए मॉर्निंग वाक, व्यायाम और योग कर सकेंगे। दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए माँ गंगा के चरणों तक रैंप बना है।

ओपेन थियेटर,लाइब्रेरी ,लाउंज, बाथिंग कुंड, बनारसी खान-पान के लिए फ़ूड कोर्ट और मल्टीपर्पज़ प्लेटफार्म है। यहां हेलीकाप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन व क्राउड मैनेजमेंट में भी काम आ सकता है।

जेटी से बोट द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम और गंगा आरती देखने जा सकेंगे। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नाव के लिए देश का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी नमो घाट पर बना है। इसके अलावा अन्य गाड़ियों के लिए भी यहाँ अलग से सीएनजी स्टेशन है। नमो घाट से क्रूज़ के जरिए पास के अन्य शहरों का भ्रमण किया जा सकता है।

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि फेज वन में बने बड़े नमस्ते स्कल्पचर की ऊंचाई करीब 25 फ़ीट और छोटे की 15 फिट है, जबकि फेज टू में मेटल का बना नमस्ते स्कल्प्चर करीब 75 फ़ीट ऊँचा है। यह भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में अमृत महोत्सव में लगवाया गया है। इस नमो नमः स्कल्पचर की वजह से इसका नाम, 'नमो घाट' पड़ गया है। नमो घाट पर ख़ास कुंड बना है। घाट के किनारे हरियाली के लिए और मिट्टी का कटान न हो, इसके लिए पौधरोपण किया गया है। आस्था की डुबकी लगाने के लिए अन्य घाटों की तरह पक्का घाट बना है।

यहाँ सीढ़ियों के साथ ही रैंप भी बनाया गया है। यहां बॉथिंग जेटी भी लगाई गई है। उन्होंनेबताया कि गेबियन और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया गया है, जिससे ये बाढ़ में सुरक्षित रहेगा। ये देखने में पुराने घाटों की तरह ही है।नमो घाट तक गाड़ियां जा सकती है। घाट पर ही वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था है। नमो घाट का पुनर्निर्माण दो चरणों में हुआ है। 

देव दीपावली के अवसर पर अपनी धार्मिक यात्रा के इतिहास के बारे में विश्व को बताएगी काशी

विश्व को सनातन की राह दिखने वाली काशी देव दीपावली पर अपनी धार्मिक यात्रा के इतिहास के बारे में पूरे विश्व को बताएगी। देव दीपावली पर काशी आने वाले पर्यटक को काशी की धार्मिक इतिहास, मां गंगा का अवतरण व देव दीपावली का धार्मिक वर्णन 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग के माध्यम से दिखाया जाएगा।

गंगा की लहरों के साथ लेजर शो और लाइट मल्टीमीडिया शो के माध्यम से भगवान शिव के भजन की प्रस्तुति होगी। 25 मिनट का शो एक बार से ज्यादा दिखाया जाएगा। जिससे देव दीपावली पर आने वाले सभी श्रद्धालु देख सके। शो का आयोजन चेत सिंह घाट पर होगा।

15 नवंबर को पड़ने वाले देव दीपावली पर्व के लिए प्रदेश सरकार तैयारियों में जुटी है। कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाने वाली काशी की देव दीपावली इस बार 15 नवंबर को मनाई जाएगी। परंपरागत दीपमालाओं, गंगा आरती के साथ देव दीपावली आधुनिक रूप में भी देखने को मिलेगा। काशी के घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो आयोजित की जाएगी।

घाटों के किनारे सदियों से खड़ी धर्म, अध्यात्म, संस्कृत और काशी के पौराणिक इतिहास की गवाह इमारतों पर सनातन की कहानी जिवंत होती दिखेगी। वाराणसी के मण्डलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि काशी का धार्मिक इतिहास दिखाया जाएगा।

जिसमे आनंद कानन, भगवान शिव का काशी आना, काशी में ऋषियों मुनियों की कहानी, भगवान् बुद्ध, जैन तीर्थांकर, सम्राट अशोक, तुलसीदास, कबीर साहेब, रानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा मंदिरो और कुंडो का जीर्णोद्धार आदि पौराणिक कहानिया होंगी।

इसके अलावा देव दीपावली क्यों मनाई जाती है, गंगा अवतरण की कहानी भी पर्यटक देख सकेंगे। शिव भजनों के 5-6 ट्रैक होगा। घाट पर शो को चलाने के लिए टेक्नीशियन तथा इंजीनियरों की करीब 200 से अधिक लोगो की टीम जुटी है।

पूरे शो का प्रोजेक्शन 24 लेज़र प्रोजेक्टर के माध्यम से होगा। शो की अवधी लगभग 25 मिनट की होगी। चेत सिंह घाट से ही गंगा की लहरों में लेजर और लाइट मल्टीमीडिया शो का भी आयोजन देखने को मिलेगा। जो टाइम कोड से प्रसारित किया जाएगा।

इसमें संगीत की ध्वनि के साथ लेज़र और विद्युत संयोजन का एक ख़ास तालमेल देखने को मिलेगा। पूरा कार्यक्रम की प्रोग्रामिंग की जाती है और ये ऑटो मोड पर चलता है। जिलाधिकारी वाराणसी ने बताया कि चेत सिंह घाट पर लेज़र शो 5:30 बजे, 7 बजे, 8 बजे और 8:45 बजे चार बार चलेगा। 3-ड़ी लेज़र प्रोजेक्शन मैपिंग शो, लेजर लाइट एंड साउंड शो 25 मिनट का होगा। जो कुछ अंतराल में कई बार रिपीट होगा। जिससे देव दीपावली पर काशी आने वाले सभी पर्यटक देख सके। 

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