नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टार्ट-अप की संस्कृति को ग्रामीण भारत तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुये 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्ट-अप दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक युवाओं को स्टार्ट-अप का मौका देना सरकार की प्राथमिकता है। मैं मानता हूं कि भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल अब शुरू हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्टार्ट-अप के साथ बातचीत में कहा कि स्टार्ट-अप नए भारत की रीढ़ बनने जा रहे हैं। उन्होंने स्टार्ट-अप से गांव की ओर बढ़ने का आग्रह करते हुये कहा कि यह अवसर भी है और चुनौती भी है। प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप को इनोवेट फॉर इंडिया, इनोवेट फ्रॉम इंडिया' के मंत्र के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 भारतीय स्टार्ट-अप क्षेत्र के लियी और नई संभावनाएं लेकर आया है। भारत की आजादी के 75वें वर्ष में स्टार्ट-अप इंडिया इनोवेशन वीक का आयोजन महत्वपूर्ण है। जब भारत आजादी के 100 साल पूरे करेगा तो स्टार्ट-अप्स की अहम भूमिका होगी। देश के नवप्रवर्तक देश को विश्व स्तर पर गौरवान्वित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप को ग्लोबल बनाने का आह्वान करते हुये कहा कि भारत के स्टार्ट-अप खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं। इसलिए आप अपने सपनों को सिर्फ लोकल न रखें, ग्लोबल बनाएं। उन्होंने कहा कि भावी प्रौद्योगिकियों के लिए अनुसंधान एवं विकास में निवेश सरकार की प्राथमिकता है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके सभी सुझावों, विचारों, नवाचारों को सरकार का पूरा समर्थन मिलेगा।प्रधानमंत्री ने देश के सभी स्टार्ट-अप और इनोवेटिव युवाओं को बधाई देते हुये कहा कि ये स्टार्ट-अप की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं। स्टार्ट-अप का ये कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब नेशनल स्टार्ट-अप डे के रूप में मनाने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस दशक में नवाचार, उद्यमिता और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर बदलाव कर रही है। इसमें पहला, आन्ट्रप्रनर्शिप को, इनोवेशन को सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से, नौकरशाही साइलो से मुक्त कराना। दूसरा, इनोवेशन को प्रमोट करने के लिए संस्थागत तंत्र का निर्माण करना और तीसरा युवा इनोवेटरों, युवा उद्यम का हाथ पकड़कर आगे लाना है।न्होंने कहा कि सरकार का प्रयास देश में बचपन से ही छात्र में इनोवेशन के प्रति आकर्षण पैदा करना और उसे संस्थागत करने का है। 9 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में इनोवेट करने, नए विचार पर काम करने का मौका दे रही हैं। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में नए ड्रोन नियम, नई स्पेश नीति का उल्लेख करते हुये कहा कि सरकार की प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इनोवेशन का मौका देने की है। सरकार ने आईपीआर पंजीकरण से जुड़े नियमों को भी काफी सरल कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 में जहां 4 हजार पेटेंट को स्वीकृति मिली थी, वहीं पिछले वर्ष 28 हजार से ज्यादा पेटेंट, ग्रांट किये गये हैं। वर्ष 2013-14 में जहां करीब 70 हजार ट्रेडमार्क रजिस्टर हुये थे, वहीं 2020-21 में ढाई लाख से ज्यादा ट्रेडमार्क रजिस्टर किये गये हैं। वर्ष 2013-14 में जहां सिर्फ 4 हजार कॉपीराइट, ग्रांट किये गये थे, पिछले साल इनकी संख्या बढ़कर 16 हजार के भी पार हो गई है। उन्होंने कहा कि इनोवेशन को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि वैश्विक नवाचार सूचकांक में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है। वर्ष 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81 नंबर पर था। अब इनोवेशन इंडेक्स में भारत 46 नंबर पर है।
आगे उन्होंने कहा कि हमारे स्टार्टअप खेल के नियम बदल रहे हैं। इसलिए मैं मानता हूं कि स्टार्ट-अप नए भारत की रीढ़ बनने जा रहे हैं। बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न देश में बने हैं। हज़ारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं। आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है। मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल अब शुरू हो रहा है।उन्होंने कहा कि सहस्त्राब्दि आज अपने परिवारों की समृद्धि और राष्ट्र की आत्मनिर्भरता, दोनों के आधार हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था से लेकर उद्योग तक हमारी जरूरतें और हमारी क्षमता असीमित हैं। भविष्य की तकनीक से जुड़ी रिसर्च और डेवलपमेंट पर इन्वेस्टमेंट आज सरकार की प्राथमिकता है।प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इनोवेशन यानि आइडिया, इंडस्ट्री और निवेश का नया दौर है। आपका श्रम भारत के लिए है। आपका उद्यम भारत के लिए है। आपकी वेल्थ क्रीएशन भारत के लिए है, जॉब क्रीएशन भारत के लिए है।