नक्सली खून खराबा रोक शांति वार्ता को तैयार! गृह मंत्री ने मांगे थे माओवादियों को मुख्य धारा में लाने के सुझाव

सरकार द्वारा नक्सलवाद खत्म करने के लिए एक तरफ एनकांउटर तो दूसरी ओर पुनर्वास नीति का सहारा लिया जा रहा है।

Update: 2024-05-24 08:19 GMT

नक्सली खून खराबा रोक शांति वार्ता को तैयार

छत्तीसगढ़। नक्सलवादी छत्तीसगढ़ में खून खराबा रोक शांति वार्ता के लिए आगे आना चाहते हैं। नक्सलियों के एक कमांडर द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि, हम खून खराबा रोकने के लिए जनवादी माहौल में वार्ता चाहते हैं। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ गृह मंत्री और विजय शर्मा ने माओवादियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सुझाव मांगे थे।

नक्सलवाद की समस्या सालों से छत्तीसगढ़ की शांति को भंग करती आई है। सरकार द्वारा नक्सलवाद खत्म करने के लिए एक तरफ एनकांउटर तो दूसरी ओर पुनर्वास नीति का सहारा लिया जा रहा है। सभी प्रयासों का उद्देश्य गांव और दूरदराज के क्षेत्र में अब भी मौजूद नक्सलवाद को समाप्त कर आदिवासी जनता को मुख्य धारा से जोड़ना है। इसी उद्देश्य के तहत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार भी अलग - अलग मोर्चों पर प्रयास कर रही है। डिप्टी सीएम विजय शर्म ने कहा था कि, 'हमने नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए में गूगल फॉर्म और ई - मेल आईडी पर सुझाव मांगे है।'

डिप्टी सीएम ने मीडिया से चर्चा के दौरान बुधवार को कहा था कि, हम तो नक्सलियों से ही पूछना चाहते हैं कि, वे बताएं समर्पण नीति में क्या चाहते हैं? बंदूक रखकर जंगल में घूमने का क्या मतलब? मुख्यधारा में चलें, लोकतंत्र अपनाएं, देश और समाज की उन्नति करें। हम पूरी तरह आशान्वित हैं, शीघ्र ही बस्तर में खुशी का माहौल होगा, बस्तर उन्नति के मार्ग पर प्रशस्त होगा।" हमने मेल आईडी, गुगल फॉर्म भी जारी किया जिसमें आप सुझाव दे सकते है।' नक्सली कमांडर द्वारा जारी यह लेटर गृहमंत्री की बातों का जवाब माना जा रहा है।

कई इनामी नक्सलियों का एनकाउंटर :

बता दें कि, सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए प्रयास कर रही है वहीं सुरक्षा बल भी अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले सुरक्षा बल ने कई लाख के इनामी नक्सलियों का एनकाउंटर किया। 23 मई को हुए एन्काउंटर में 8 नक्सली मारे गए। नक्सलियों के पास से सुरक्षा बल को कई ऑटोमेटिक हथियार भी बरामद हुए थे।

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