यूपी में भोंपुओं पर 'अजान' से मुक्ति, रात 10 से सुबह 6 बजे तक नहीं बजेंगे लाउडस्पीकर
जिला प्रशासन ने रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर रोक लगा दिया है।
प्रयागराज/ओम प्रकाश परिहार। रात की नींद हराम होने पर इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की ओर से जिला प्रशासन को पत्र लिखने के बाद खलबली मच गई है। इसके मद्देनजर पुलिस विभाग बड़ा फैसला लेते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद के पूर्व में दिए आदेश का पालन कराने का आदेश दे दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में यह कहा था कि अजान इस्लाम का हिस्सा है, लेकिन लाउडस्पीकर नहीं। इसलिए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अजान में लाउडस्पीकर के उपयोग पर पाबंदी लगाई जाए, लेकिन न्यायालय का यह आदेश ठंडे बस्ते में चला गया था। कुलपति के द्वारा जिलाधिकारी को इस संदर्भ में पत्र लिखे जाने पर पुलिस विभाग को न्यायालय का आदेश याद आ गया और फौरन इसे लागू कर दिया गया।
कुलपति के द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद जिला प्रशासन ने रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर रोक लगा दिया है। न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए प्रयागराज के आई जी ने यह आदेश दिया है कि पूर्व में दिये गए न्यायालय के आदेश का अक्षरशः पालन कराया जाय। आदेश में यह भी कहा गया है कि बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना धार्मिक अथवा सार्वजनिक स्थल पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक लगाई जाती है। खुले शब्दों में आई जी के पी सिंह न्यायालय के आदेश का कठोरता के साथ पालन कराने का आदेश दिया है। आई जी कार्यालय से प्रयागराज रेंज के जिलों प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशाम्बी व फतेहपुर के डीएम और एसपी को इस आशय का पत्र भेज दिया गया है।
अफ़ज़ाल की याचिका पर न्यायालय ने दिया आदेश
मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर के बसपा सांसद अफ़ज़ाल अंसारी की तरफ से मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी जिसका निस्तारण करते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने यह आदेश दिया था कि मस्जिदों पर ही नहीं बल्कि रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक हर प्रकार के ध्वनि विस्तारण यंत्र के उपयोग पर पाबंदी लगाई जाए। न्यायालय ने आदेश में यह भी कहा है कि अजान इस्लाम का हिस्सा है लाउडस्पीकर नहीं।