Emergency पर विवाद: कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को चुनौती देने वाली याचिका पर CBFC को नोटिस जारी

Update: 2024-09-02 09:02 GMT

मध्यप्रदेश। MP हाई कोर्ट ने सोमवार को अभिनेत्री कंगना रनौत की आगामी फिल्म 'इमरजेंसी' (Emergency) को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।

अदालत ने अधिकारियों से यह स्पष्ट करने को कहा कि फिल्म को अभी तक प्रमाणित किया गया है या नहीं। न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष केंद्र द्वारा हाल ही में प्रस्तुत किए गए इस कथन पर भी ध्यान दिया कि फिल्म को अभी तक प्रमाणित नहीं किया गया है। जस्टिस सचदेवा ने कहा कि, "पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश के मद्देनजर बोर्ड इस पर विचार कर रहा है। ऐसी संभावना हो सकती है कि अगर कोई दृश्य ऐसा है जिसे एडिट करने या हटाने की आवश्यकता है... तो संभवतः फिल्म को 6वीं बार प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं होगी।"

बता दें कि, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में PIL जबलपुर सिख संगत और गुरु सिंह सभा इंदौर द्वारा दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता नरिंदर पाल सिंह रूपरा ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता जबलपुर और इंदौर के विभिन्न गुरुद्वारों, स्कूलों और कॉलेजों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। नरिंदर पाल सिंह रूपरा ने कहा कि मामले में सिनेमेटोग्राफ अधिनियम का उल्लंघन हुआ है क्योंकि फिल्म के ट्रेलर में अमृतधारी सिखों को लोगों की हत्या करते हुए दिखाया गया है।

याचिकाकर्ताओं ने कंगना रनौत की फिल्म के उस डायलॉग पर भी आपत्ति जताई है जिसमें कहा गया है कि, "आपको वोट चाहिए, हमें खालिस्तान चाहिए।" अदालत ने सुनवाई के बाद कहा कि, उसने ट्रेलर नहीं देखा है और कभी-कभी यह वास्तविक स्थिति को चित्रित नहीं करता है। हालांकि, रूपरा ने कहा कि फिल्म के ट्रेलर में सिखों को अलगाववादी और क्रूर दिखाया गया था। कोर्ट ने इसके जवाब में कहा कि फिल्म निर्माताओं सहित दूसरे पक्षों को नोटिस देना होगा। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले को मंगलवार को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

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