Caste Census : अब देश में होगी जाति जनगणना, नीतीश ने की बड़ी डिमांड, भाजपा ने भरी हामी
Caste Census : बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग भी अब पूरी हो सकती है।
Caste Census : दिल्ली। अभी देश में नई सरकार का गठन हुआ भी नहीं की प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। NDA सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार ने भाजपा को धर्म संकट में दाल दिया है लेकिन सरकार चलाना है तो ये भी मानना होगा। क्योंकि सत्ता की कुर्सी नायडू और नीतीश के सहारे है। जदयू ने भाजपा के सामने तीन मुद्दे रखें हैं - जाति जनगणना, अग्निवीर योजना और यूनिफार्म सिविल कोड। अब जिन मुद्दों के खिलाफ भाजपा ने चुनाव लड़ा था, प्रेशर पॉलिक्स के इस दौर में संभव है कि, उन्हीं पर फैसला लेना पड़ जाए।
जाति आधारित जनगणना पर जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि, "देश में किसी भी पार्टी ने जाति आधारित जनगणना को नकारा नहीं है। बिहार ने रास्ता दिखाया है। प्रधानमंत्री ने भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में इसका विरोध नहीं किया। जाति आधारित जनगणना समय की मांग है। हम इसे आगे बढ़ाएंगे।" बयान से साफ़ है नई सरकार के सामने अब देश में जाति जनगणना कराने का प्रेशर है। चुनाव प्रचार में भाजपा ने इसे देश को बांटने की साजिश बताया था लेकिन आने वाले समय में कास्ट सेंसस भारत की सच्चाई हो सकता है।
बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग भी अब पूरी हो सकती है। केसी त्यागी ने बताया कि, "इसमें कोई पूर्व शर्त नहीं है। एनडीए को बिना शर्त समर्थन है लेकिन बिहार को विशेष दर्जा मिलना हमारे दिल में है।" इस बयान से साफ़ है कि, केंद्र सरकार बिहार की ये डिमांड भी पूरी कर दे।
अब दो बड़े मुद्दे सामने है। एक अग्निवीर योजना, जिसे ख़त्म करने का वादा कांग्रेस ने किया था और दूसरा यूनिफार्म सिविल कोड जिसे भाजपा पूरे देश में लागू करना चाहती है। जेडी(यू) प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि, "अग्निवीर योजना को लेकर मतदाताओं का एक वर्ग नाराज़ है। हमारी पार्टी चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं, उन पर विस्तार से चर्चा की जाए और उन्हें दूर किया जाए। यूसीसी (UCC) के मामले में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर सीएम ने विधि आयोग के प्रमुख को पत्र लिखा था। हम इसके खिलाफ़ नहीं हैं, लेकिन सभी पक्षों से बात करके इसका हल निकाला जाना चाहिए।"इन बयानों से साफ है आने वाला समय कई बड़े परिवर्तन लाएगा।