Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग को बेलपत्र अर्पित करना होता हैं विशेष, जानिए इसका सही नियम

भगवान शिव को कई विशेष चीजें अर्पित करना शुभ होता है इसमें बेलपत्र चढ़ाना सबसे खास है। इसके सही नियम के बारे में जानना चाहिए।;

Update: 2025-02-22 15:12 GMT

Mahashivratri 2025: हिन्दू धर्म में सभी व्रत और त्योहार का महत्व होता हैं इसमें ही महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाने वाली है। इस शुभ दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का महत्व होता है। इस दिन पर शिवभक्त श्रद्धभक्ति से पूजन करते है जिसके फलपूर्वक भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते है। भगवान शिव को कई विशेष चीजें अर्पित करना शुभ होता है इसमें बेलपत्र चढ़ाना सबसे खास है। इसके सही नियम के बारे में जानना चाहिए।

इस नियम से करना चाहिए बेलपत्र की अर्पित

आपको बताते चलें कि, महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र अर्पित करने के नियम होते है। इसके अनुसार ,बेलपत्र चढ़ाने से पहले जल से सही से साफ कर लें। इसके बाद केसर या चंदन से 'ऊँ' लिख दें। अब चिकनी वाली तरफ से शिवलिंग पर अर्पित करें। एक बात का ध्यान रखें कि बिल्वपत्र का उभरा हुआ भाग ऊपर की तरफ होना चाहिए। बेलपत्र अर्पित करने के दौरान  त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम्। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्।।  इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

इतने बेलपत्र चढ़ाना होता हैं जरूरी

आपको बताते चलें कि, महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर नियमों के अनुसार बेलपत्र चढ़ाने चाहिए।शिवलिंग पर 3 या फिर 5 पत्ते बिल्वपत्र के पत्ते चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा 11 भी पत्ते चढ़ाएं जा सकते हैं। बिल्व पत्र को लेते समय ध्यान रखें कि वह कही से कटी-फटा न हो और न ही उस पर कोई दाग-धब्बे हो।

जानिए बेलपत्र अर्पित करने के फायदे

आपको बताते चलें कि, महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र अर्पित करने के फायदे होते हैं।

  • महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मुरादें जल्द पूरी होती हैं।  
  • आर्थिक तंगी की समस्या दूर होती है और घर में खुशियों का आगमन होता है।  
  • सभी पापों से छुटकारा मिलता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।  
  • मन आध्यात्मिक कामों की तरफ बढ़ता है।  
  • मन को शांति मिलती है और जीवन में सफलता के रास्ते खुलते हैं।
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