PM Modi in Russia Live: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉस्को में भारतवंशियों को संबोधन, कहा आप...

पीएम ने कहा- भारत-रूस के बीच अनोखा रिश्ता है। रूस का नाम सुनते ही भारतीयों के मन में आता है, हमारा सुख-दुख का साथी।

Update: 2024-07-09 07:05 GMT

PM Modi in Russia Live: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉस्को दौरे के दूसरे दिन मॉस्को में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मैं अपने साथ हिंदुस्तान की मिट्टी की महक लेकर आया हूं। 140 करोड़ देशवासियों का प्यार लेकर आया हूं उनकी शुभकामनाएं आपके लिए लेकर आया हूं।

पीएम ने कहा- भारत-रूस के बीच अनोखा रिश्ता है। रूस का नाम सुनते ही भारतीयों के मन में आता है, हमारा सुख-दुख का साथी।

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 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के मुख्‍य बिंदु:

"मैं आप सभी का यहां आने के लिए धन्यवाद करना चाहता हूं। मैं यहां अकेला नहीं आया हूं, मैं बहुत कुछ लेकर आया हूं। मैं अपने साथ भारत की मिट्टी की खुशबू लेकर आया हूं। मैं अपने साथ 140 करोड़ देशवासियों का प्यार लेकर आया हूं..."

"तीसरी बार सरकार बनाने के बाद प्रवासी भारतीयों से यह मेरी पहली बातचीत है। आज 9 जुलाई को, मुझे तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिए हुए पूरा एक महीना हो गया है और मैंने प्रण लिया था कि मैं 3 गुना ज़्यादा ताकत से, 3 गुना ज़्यादा गति से काम करूंगा और यह भी संयोग है कि सरकार के कई लक्ष्यों में 3 नंबर भी मौजूद है। सरकार का लक्ष्य तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है..."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, "तीसरे चरण में सरकार का लक्ष्य गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाने का है, 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। हम भारत के गांवों में चलने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करना चाहते हैं, हम चाहते हैं कि मेरे तीसरे चरण में, गांवों की गरीब महिलाओं में से 3 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनें, यानि उनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक हो..."

"आज का भारत जो लक्ष्य तय करता है, उसे हासिल करके रहता है। आज भारत वो देश है जो चंद्रयान को चांद के उस हिस्से तक ले जाता है, जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया। आज भारत वो देश है जो दुनिया को डिजिटल ट्रांजेक्शन का सबसे विश्वसनीय मॉडल दे रहा है...आज भारत वो देश है जिसके पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। जब आप लोगों ने मुझे 2014 में पहली बार देश की सेवा करने का मौका दिया था, तब सैकड़ों स्टार्टअप थे, आज लाखों स्टार्टअप हैं। आज भारत वो देश है जो रिकॉर्ड संख्या में पेटेंट फाइल कर रहा है और रिसर्च पेपर पब्लिश कर रहा है..."

आज जब भारत दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बनाता है, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाता है, तो दुनिया कहती है, भारत बदल रहा है और भारत कैसे बदल रहा है, क्योंकि भारत को अपने 140 करोड़ नागरिकों के समर्थन पर भरोसा है, दुनिया भर में फैले भारतीयों के समर्थन पर भरोसा है। क्योंकि 140 करोड़ भारतीय अब संकल्प लेकर भारत को विकसित देश बनाने के सपने को पूरा करना चाहते हैं। आज दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले मेरे भारतीय भाइयों और बहनों को अपनी मातृभूमि की उपलब्धियों पर गर्व है...मैं सिर्फ़ आपसे पूछना चाहता हूं, क्या दुनिया का आपके प्रति नजरिया बदला है कि नहीं? आज 140 करोड़ भारतीय दशकों से चली आ रही समस्याओं के समाधान पर विश्वास करते हैं..."

"आज 140 करोड़ भारतीय हर क्षेत्र में सबसे आगे रहने की तैयारी में जुटे हुए हैं। हमने न सिर्फ अपनी अर्थव्यवस्था को कोविड के संकट से बाहर निकाला, बल्कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाया है। हम न सिर्फ अपने इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों को दूर कर रहे हैं, बल्कि हम वैश्विक स्तर पर कीर्तिमान भी स्थापित कर रहे हैं। हम न सिर्फ अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बना रहे हैं, बल्कि हम देश के हर गरीब को मुफ्त इलाज भी मुहैया करा रहे हैं और दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत चला रहे हैं..."

"2014 से पहले हम निराशा की गहराइयों में डूबे हुए थे। आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है और यही भारत की सबसे बड़ी पूंजी है। आपने भी हाल ही में हुए T20 World Cup में जीत का जश्न मनाया होगा...World Cup जीतने की असली कहानी भी जीत का सफर ही है। आज का भारत का युवा आखिरी गेंद और आखिरी क्षण तक हार नहीं मानता..."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "यहां हर घर में एक गीत गाया जाता था, 'सिर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी'। यह गीत भले ही पुराना हो गया हो, लेकिन इसके भाव आज भी सदाबहार हैं। राज कपूर, मिथुन दा जैसे कलाकारों ने भारत और रूस की दोस्ती को मजबूत किया है...हमारे संबंधों की मजबूती की कई बार परीक्षा हुई है और हर बार हमारी दोस्ती और मजबूत हुई है। मैं विशेष रूप से अपने प्रिय मित्र राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व की सराहना करना चाहूंगा। उन्होंने 2 दशकों से भी अधिक समय से इस साझेदारी को मजबूत करने के लिए अद्भुत काम किया है। पिछले 10 वर्षों में मैं छठी बार रूस आया हूं और इन वर्षों में हम एक-दूसरे से 17 बार मिले हैं। इन सभी मुलाकातों से विश्वास और सम्मान बढ़ा है। जब हमारे छात्र संघर्ष में फंस गए थे, तो राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें भारत वापस लाने में हमारी मदद की। मैं एक बार फिर रूस के लोगों और अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देता हूं..."


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