गुजरात में भी विपक्ष पर बरसे प्रधानमंत्री मोदी, चीन को कड़ा संदेश, 10 खास बातें

Update: 2020-10-31 05:33 GMT

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। आज गुजरात दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाकर सरदार पटेल को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित भव्य परेड कार्यक्रम का हिस्सा बने। पीएम मोदी ने सरदार पटेल की पदपूजा की और फिर भव्य परेड का भी साक्षी बने। राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में पुलवामा का जिक्र कर विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि कुछ लोगों ने पुलवामा अटैक में भी राजनीति ढूंढ लिया। उन्होंने कोरोना पर भी अपनी बातें रखीं।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि कोविड-19 महामारी आएगी। ये आपदा अचानक आयी। इसने पूरे विश्व में मानव जीवन को प्रभावित किया है, हमारी गति को प्रभावित किया। लेकिन देश सामूहिक ताकत और इच्छाशक्ति के साथ इससे लड़ा और ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया। कोरोना वारियर्स के सम्मान में 130 करोड़ देशवासियों ने एक होकर जो जज्बा दिखाया, एकता का जो संदेश दिया, उसने 8 महीने से हमें इस संकट से लड़ने, जूझने और विजयपथ पर आगे बढ़ने की ताकत दी। आज भारत कोरोना से उभर भी रहा है और एकजुट होकर आगे भी बढ़ रहा है। ये वैसी ही एकजुटता है जिसकी कल्पना लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी।

मोदी ने कहा कि आज सरदार सरोवर से साबरमती रिवर फ्रंट तक सी-प्लेन सेवा का भी शुभारंभ होने जा रहा है। सरदार साहब के दर्शन के लिए, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए देशवासियों को अब सी-प्लेन सर्विस का भी विकल्प मिलेगा। ये सारे प्रयास इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बहुत ज्यादा बढ़ाने वाले हैं। ये भी अद्भुत संयोग है कि आज ही वाल्मीकि जयंती भी है। आज हम भारत की जिस सांस्कृतिक एकता का दर्शन करते हैं, जिस भारत को अनुभव करते हैं, उसे और जीवंत और ऊर्जावान बनाने का काम सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ही किया था।

पीएम मोदी ने कहा कि विपदाओं और चुनौतियों के बीच ही देश ने ऐसे काम किए है जो कभी असंभव मान लिए गये थे। इसी मुश्किल समय में धारा 370 हटने के बाद कश्मीर ने समावेश का एक साल पूरा किया। अन्य विरासतों के साथ ही ये कार्य भी सरदार साहब के ही जिम्मे अगर होता, तो आज आजादी के इतने वर्षों बाद ये काम पूरा करने की नौबत मुझपर नहीं आती। सरदार साहब का वो काम अधूरा था। उन्हीं की प्रेरणा से 130 करोड़ देशवासियों को उस कार्य को पूरा करने का भी सौभाग्य मिला। कश्मीर के विकास में जो बाधायें आ रही थीं, उन्हें पीछे छोडकर अब कश्मीर विकास के नए मार्ग पर बढ़ चुका है। चाहे नॉर्थईस्ट में शांति की बहाली हो, या नॉर्थईस्ट के विकास के लिए उठाए जा रहे कदम, आज देश एकता के नए आयाम स्थापित कर रहा है।

मोदी ने कहा कि सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदार पटेल ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का जो यज्ञ शुरू किया था, उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है। देश राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का साक्षी बना है, और भव्य राममंदिर को बनते भी देख रहा है।

चीन को संदेश

मोदी ने कहा कि आज भारत की भूमि पर नजर गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों में है। आज भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है। अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह तैयार है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के माहौल में दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को, सभी पंथों को, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है। शांति-भाईचारा और परस्पर आदर का भाव ही मानवता की सच्ची पहचान है। आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता। आतंकी पीड़ा को भारत भली-भांति जानता है। भारत ने आतंकवाद को हमेशा अपनी एकता से, अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से जवाब दिया है। आज पूरे विश्व को भी एकजुट होकर हर उस ताकत को हराना है जो आतंकवाद के साथ है, आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब मैं अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहा था, तो मन में एक और तस्वीर थी। ये तस्वीर थी पुलवामा हमले की। देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे, वो हमले में अपना राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे। देश भूल नहीं सकता कि तब कैसी-कैसी बातें कहीं गईं, कैसे-कैसे बयान दिए गए। देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी। उस समय उन वीरों की तरफ देखते हुए मैं विवादों से दूर रहकर सारे आरोपों को झेलता रहा, भद्दी-भद्दी बातों को सुनता रहा। मेरे दिल पर वीर शहीदों का गहरा घाव था।

मोदी ने कहा कि पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका उदाहरण है। मैं ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि, देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें। अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देशविरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का। हमें ये हमेशा याद रखना है कि हम सभी के लिए सर्वोच्च हित- देशहित है। आज अवसर है इस विराट और भव्य व्यक्तित्व के चरणों मे हम उसी भारत के निर्माण का संकल्प दोहराएं, जिसका सपना सरदार पटेल ने देखा था।

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