मुंबई। शिवसेना ने शनिवार को महाराष्ट्र बीजेपी पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विधान परिषद चुनाव के निर्वाचन में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया। हालांकि बीजेपी पर हमलावर होने के साथ-साथ शिवसेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर नरमी दिखा रही है। शिवसेना ने शनिवार को अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा कि विपक्ष ने उद्धव ठाकरे के निर्वाचन में खूब बाधा पहुंचाई, मगर उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया है। जो राजनीतिक दांव-पेच का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे थे, उन्होंने मुंह की खाई है।
शिवसेना ने सामना में लिखा कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद के लिए अब कोई खतरा नहीं है और महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी गठबंधन को कोई नुकसान नहीं होगा। शिवसेना ने संपादकीय में लिखा कि विरोधियों के कई प्रयोग उन्हीं पर उलटे पड़ गए हैं। विरोधियों को पता था कि मुख्यमंत्री ठाकरे को किसी भी तरह से विधान मंडल का सदस्य बनने से रोक लिया जाए, तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा। फिर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। फिर किसी एक सुबह शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर डालेंगे, ऐसा सपना कुछ लोगों ने देखा था। उनके इरादे चकनाचूर हो गए और सपने भी टूट गए।
राज्य बीजेपी पर हमलावर होने के साथ ही शिवसेना ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर नरमी भी दिखाई। शिवसेना ने संपादकीय में आगे लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने ही महाराष्ट्र राज्य को अस्थिर नहीं होने दिया। शिवसेना ने संपादकीय में कहा कि राजनीति में ऐसा होता रहता है लेकिन महाराष्ट्र कोरोना संकट से जूझ रहा है, ऐसी स्थिति में विपक्ष की खोपड़ी में राजनीति के वायरस का बिलबिलाना ठीक नहीं है। आखिरकार मोदी-शाह को ही टीका लगाकर इस वायरस का बंदोबस्त करना पड़ा।
शिवसेना ने कहा कि बीजेपी के चंद्रकांत पाटील का अब भी कहना है, 'महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी में जल्द ही भूकंप आएगा। राज्य की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल होगी।' अगर चंद्रकांत पाटील ऐसी उथल-पुथल मचाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह उनका राजनीतिक अधिकार है। पांच महीने पहले एनसीपी में सेंध लगाकर सरकार बनाने का प्रयोग तो नाकाम हो गया। अब अगर वह कांग्रेस में भूकंप लाकर महाराष्ट्र में उथल-पुथल मचाना चाहते हैं तो उन्हें कौन रोकेगा?