चंडीगढ़। पंजाब में एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा चुनने के लिए वोटिंग शुरू कर दी है, वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने नया दावा करके पार्टी को दुविधा में डाल दिया है। जाखड़ ने दावा किया है कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद सीएम चुनते समय सबसे अधिक विधायकों ने उन्हें वोट किया था। यह ऐसा मौका है जब कांग्रेस पार्टी पंजाब में मुख्यमंत्री का अगला चेहरा घोषित करने जा रही है। हालांकि सुनील जाखड़ इसबार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
पंजाब में करीब चार माह पहले कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह को पद से हटा दिया था। इसके बाद पार्टी में नया मुख्यमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसे लेकर सुनील जाखड़ का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह को पद से हटाने के बाद हाईकमान ने प्रदेश के 79 विधायकों को फोन किया था। जिसमें से 42 विधायकों ने उन्हें मुख्यमंत्री के लिए वोट किया था। सुनील जाखड़ ने कहा कि उस समय 16 विधायकों ने सुखजिंदर सिंह रंधावा, 12 विधायकों ने महारानी परनीत कौर तथा छह विधायकों ने नवजोत सिद्धू तथा केवल दो विधायकों ने चरणजीत सिंह चन्नी का समर्थन किया था। इसके बावजूद कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया।
सुनील जाखड़ से पहले सुखजिंदर सिंह रंधावा भी दावा कर चुके हैं कि अमरिंदर सिंह के बाद एक समय ऐसा भी आया था कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें मुख्यमंत्री चुन लिया था और बहुत से विधायक तो बधाई देने के लिए उनके घर भी पहुंच गए थे। घर से कांग्रेस भवन तक जाते-जाते समीकरण बदल गए। रंधावा के बाद सुनील जाखड़ ने नया दावा कर दिया है।
इसके बाद पंजाब में नई चर्चा शुरू हो गई है। सुनील जाखड़ ने बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने एक जनसभा के दौरान यह बात बहुत सहजता से की थी। जाखड़ ने मुख्यमंत्री नहीं बनने पर एक बार फिर पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी के सिर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि कुछ नेताओं की सोच पंजाब व पंजाबियत के खिलाफ है। जाखड़़ ने कहा कि कुछ नेता वरिष्ठ होने के बावजूद पंजाब में हिंदू-सिख का कार्ड खेल रहे हैं, जो बहुत गलत है।