Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को भेजा नोटिस, तीन सप्ताह में मांगा जवाब
Supreme Court sends Notice to Assam Government : दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 30 सितंबर को असम सरकार को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही SC ने असम के सोनापुर में अवैध निर्माण पर बुलडोजर ऐक्शन और वहां बसे लोगों को हटाने पर भी रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने असम सरकार से तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाई थी। इस बीच असम में बुलडोजर एक्शन लिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी, जिसमें असम सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार शीर्ष अदालत की अवमानना कर रही है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना
सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा गया है कि जब शीर्ष अदालत की ओर से किसी के घर पर बुलडोजर ऐक्शन पर 1 अक्टूबर तक रोक लगाई है तो फिर असम में बुलडोजर कार्रवाई क्यों की गई है। ऐसा किया जाना तो अदालत की अवमानना है। इसी पर अब सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है और असम में किए जा रहे बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। बता दें यह याचिका उन 48 लोगों ने याचिका लगाई हैं, जिन पर असम सरकार द्वारा बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अवैध निर्माण किया है।
हमारे पास पावर ऑफ अटॉर्नी
सोनापुर के लोगों की अर्जी दाखिल करते हुए वकील अदील अहमद ने कहा कि उनके घरों को पहले से कोई नोटिस नहीं दिया गया था। उन्हें अचानक ही अवैध निर्माण घोषित कर दिया गया और बुलडोजर भेज दिए गए। इन लोगों का कहना है कि हमारे पास इस इलाके की पावर ऑफ अटॉर्नी है। इसलिए हमारे पास निर्माण करने का अधिकार है।
गौरतलब है कि अदालत ने इससे पहले 17 सितंबर को दिए अपने आदेश में कहा था कि कोर्ट की परमिशन के बिना बुलडोजर एक्शन न किया जाए। बेंच ने यह भी कहा था कि सड़कों, रेलवे लाइनों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अवैध निर्माण के खिलाफ एक्शन के लिए ऐसी परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।