मध्यप्रदेश के इस शहर में शादी जैसे मनता है नदी का जन्मदिन, दुल्हन सा होता घाट का नजारा
मां ताप्ती जन्मोत्सव आज 13 जुलाई को पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ यह खास दिन प्रदेश के बैतूल जिले से सटे शहर मुल्ताई में ताप्ती नदी के उद्गम स्थल पर बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
Tapti Janmotsav 2024 : भारत का मध्य भाग यानी मध्यप्रदेश कई संस्कृतियों और धार्मिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध राज्यों में से एक है यहां पर पवित्र नदियों में से एक मां ताप्ती जन्मोत्सव आज 13 जुलाई को पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह खास दिन प्रदेश के बैतूल जिले से सटे शहर मुल्ताई में ताप्ती नदी के उद्गम स्थल पर बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। ताप्ती घाट का नजारा देखते ही बनता है जो बिल्कुल दुल्हन की तरह सजाया जाता हैं।
भगवान सूर्य की पुत्री है मां ताप्ती
पौराणिक मान्यता के अनुसार , मां ताप्ती को भगवान सूर्य की पुत्री और भगवान शनिदेव की बहन के रूप में मानते हैं। हर साल अषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को ताप्ती जन्मोत्सव मनाया जाता है जहां केवल प्रदेश ही नहीं देश से भी श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते है आज के दिन ताप्ती नदी में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते है और माता सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती है। मां ताप्ती नदी की लंबाई 724 किलोमीटर है,जो पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है, ताप्ती अरब सागर में खंभात की खाड़ी में गिरती है।
जानिए मां ताप्ती से जुड़ी पौराणिक कथा
मां ताप्ती से जुड़े धार्मिक महत्व की बात की पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जानें तो, मां ताप्ती नदी को सूर्यदेव की बेटी माना गया है। पौराणिक कथा में कहते हैं कि सूर्यदेव ने अपनी प्रचंड गर्मी से खुद को बचाने के लिए ताप्ती नदी को जन्म दिया था। तापी पुराण अनुसार किसी भी व्यक्ति सभी पापों से मुक्ति दिलाई जा सकती है, यदि वह गंग। म स्नान करता है, नर्मदा को निहारता है और ताप्ती को याद करता है। ताप्ती नदी का महाभारत काल में भी उल्लेख मिलता है। ताप्ती नदी की महिमा की जानकारी स्कंद पुराण में मिलती है। आपको बताते चलें, ताप्ती नदी सतपुड़ा की पहाड़ियों एवं चिखलदरा की घाटियों से होते हुए महाखड्ड में बहती है। ताप्ती नदी की सहायक नदियों में पूर्णा नदी, गिरना नदी, पंजारा नदी, वाघुर नदी, बोरी नदी और अनर नदी आती है।
नदी के आसपास कौन से शहर हैं बसे
आपको बताते चलें, बैतूल जिले के सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में स्थित मुल्ताई तहसील के एक 'नादर कुंड' से होता है। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई खंभात की खाड़ी में जाकर समुद्र में मिल जाती है। सूरत के सवालीन बंदरगाह इसी नदी के मुहाने पर है। नदी के बहाव के रास्ते में मध्यप्रदेश में मुल्ताई, नेपानगर, बैतूल और बुरहानपुर, महाराष्ट्र में भुसावल, नंदुरबार, नासिक, जलगांव, धुले अमरावती, अकोला, बुलढाना, वासिम और गुजरात में पूरा और सोनगढ़ जिले लगे हुए है ।
जानिए ये खास बातें और भी
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, माना जाता है कि ,मां ताप्ती सूर्य पुत्री और शनि की बहन के रुप में जानी जाती हैं, इसी वजह से लोग शनि दशा से परेशान होते हैं तो ताप्ती नदी में डुबकी लगाने से उन्हें राहत मिलती है।
- ताप्ती नदी सभी की ताप कष्ट हर उसे जीवन दायनी शक्ति प्रदान करती है, इसलिए भक्त श्रद्धा से इसे ताप्ती गंगा भी कहते है। इतना ही नहीं एमपी की ये दूसरी प्रमुख पवित्र नदी है।
- ताप्ती जी की खास बात यह भी है कि दिवंगत लोगों की अस्थियां का विसर्जन भी ताप्ती में करते हैं, ताप्ती नदी का धार्मिक ही नहीं आर्थिक सामाजिक महत्व भी काफी है।