Dhanteras 2024: आज है धनतेरस, इतने बजे से शुरू होगा खरीदारी और पूजा का शुभ मुहूर्त

Update: 2024-10-29 03:20 GMT

Dhanteras 2024

Dhanteras 2024 : धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो दीपावली के पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। इस वर्ष धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर यानी आज मंगलवार को मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करते है। माना जाता है कि, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। आइए अब जानते हैं दाज के दिन खरीददारी करने और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में।

शुभ मुहूर्त से पहले जानिए धनतेरस का महत्व

धनतेरस का पर्व समृद्धि, खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। इस दिन नई चीजें खरीदना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। कहते हैं, इस दिन खरीदी गई चीजें अक्षय फल प्रदान करती हैं। ज्यादातर लोग सोने चांदी जे जेवर या सिक्के खरीदते है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि, इस दिन झाड़ू और नमक खरीदना ज्यादा शुभ होता है। 

पूजा का महत्व

धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। इससे घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। इस दिन सोने-चांदी के गहने और सिक्के, वाहन, पीतल या तांबे के बर्तन, झाड़ू, नमक, माता लक्ष्मी और गणेश की मूर्ती को शुभ खरीददारी माना जाता है। इस दिन कुबेर के साथ भगवान धनवतंरी देवता की उपासना भी जरूर करें।धनतेरस के दिन लोहा या प्लास्टिक की चीजें खरीदने से बचना चाहिए।

शुभ मुहूर्त:

पूजा का समय: शाम 6:31 बजे से 8:13 बजे तक।

खरीदारी का शुभ मुहूर्त

- अभिजीत मुहूर्त: 11:36 से 12:26

- 1:41 बजे से 8:15 बजे तक

- सोना खरीदने का शुभ समय: 3: 04 से 4:32

- चांदी और अन्य धातुओं के लिए: शाम 6:11 बजे से रात 8:08 बजे तक।

ध्यान रखने योग्य बातें

माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की अलग-अलग मूर्तियां खरीदें। एक साथ जुड़ी हुई या एक विग्रह वाली मूर्ति न लें।

मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि माता लक्ष्मी और भगवान गणेश बैठी हुई मुद्रा में हों। खड़ी मुद्रा वाली मूर्ति न खरीदें।

माता लक्ष्मी की मूर्ति में उल्लू का वाहन नहीं होना चाहिए, जबकि भगवान गणेश की मूर्ति में उनका वाहन मूषक अवश्य होना चाहिए।

गणेश जी की प्रतिमा लेते वक्त ध्यान रखें कि उनकी सूंड बाएं हाथ की तरफ मुड़ी हो। दाएं हाथ की ओर मुड़ी या सूंड में दो घुमाव वाली प्रतिमा न लें। मोदक वाली मूर्ति खरीदें।

माता लक्ष्मी की मूर्ति कमल पर विराजमान होनी चाहिए, जिसमें एक हाथ में कमल और दूसरे हाथ से आशीर्वाद दे रही हों।

सुनिश्चित करें कि जो मूर्ति खरीद रहे हैं, वो कहीं से भी खंडित या टूटी न हो।

दिवाली के लिए मिट्टी की मूर्तियां खरीदें। बाजार में सीमेट, पीओपी या अन्य सामग्री से बनी मूर्तियां मिलती हैं, लेकिन मिट्टी की मूर्तियां शुभ मानी जाती हैं।

लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां खरीदने का सबसे शुभ दिन धनतेरस होता है। इस बार धनतेरस 29 अक्टूबर को है।

दिवाली के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का रंग लाल, गुलाबी, सुनहरा या पीला होना शुभ माना जाता है।

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की मूर्ति को भगवान गणेश की मूर्ति के दाईं ओर रखें।

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