केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे असम दौरे पर, महामृत्युंजय मंदिर में दर्शन किये
गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज सुबह असम दौरे पर पहुंचे। उन्होंने नगांव जिले के भेरभेरी स्थित विश्व के सबसे ऊंचे लिंगकार महामृत्युंजय मंदिर में दर्शन किये। मंदिर परिसर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, मंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा के साथ ही भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
महामृत्युंजय मंदिर का 22 फरवरी से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आरंभ हुआ है। यह कार्यक्रम 27 फरवरी तक जारी रहेगा। इसका निर्माण 2003 में आचार्य भृगु महाराज के नेतृत्व में आरंभ हुआ था। मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को 200 से अधिक विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा किया जा रहा है
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने बताया कि असम सरकार द्वारा 180 करोड़ रुपये की लागत से श्रीमंत शंकरदेव के जन्म स्थान की कला, संस्कृति, विचारों को सहेजने और उसके सौंदर्यवर्धन के लिए बनने वाले प्रकल्प का शुभारंभ किया है। यहां पर विभिन्न प्रकार के प्रकल्प बनाए जाएंगे जिसमें खेलकूद, धार्मिक स्थल, कीर्तन घर, पर्यटकों के रहने के लिए आवास आदि का निर्माण किया जाएगा।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असम सरकार के प्रयासों से श्रीमंत शंकरदेव के भक्ति आंदोलन को असम ही नहीं देश और विदेशों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। बटद्रवा थान (मंदिर) श्रीमंत शंकरदेव की पवित्र जन्मभूमि है। यहां पर उन्होंने मानव स्वरूप लेकर न केवल असम बल्कि पूरे भारतवर्ष को भक्ति आंदोलन के साथ जोड़ने का काम किया। उन्होंने भक्ति आंदोलन को तो खड़ा किया ही इसके साथ भारत की एकता के लिए भी कई सारे काम किए। जब श्रीमंत शंकरदेव का को याद करते हैं तब मालूम पड़ता है कि भारत माता के प्रति उनका कितना बड़ा लगाव था। उन्होंने अपनी एक रचना में कहा है कि कोटि-कोटि जन्मांतर के पुण्य के बाद मनुष्य का भारत भूमि जैसे महान क्षेत्र में जन्म होता है।
180 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा स्मारक -
शाह ने कहा कि आजादी के समय महात्मा गांधी ने कहा था कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि यहां पर 500 साल पहले महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव ने जन्म लिया था। जिन्होंने असम में राम राज्य की स्थापना का उद्देश्य स्थापित किया था। आज मुझे बहुत आनंद है कि अपने बजट में असम के वित्त मंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने 180 करोड़ रुपये की लागत से एक महान स्मारक बनाने का प्रावधान किया है। मैं इन दोनों नेताओं को बधाई देता हूं।
पुनर्जीवित करने का काम किया -
उन्होंने कहा कि 500 साल हो गये और इस स्थान के विकास के लिए किसी ने कोई काम नहीं किया। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री ने इस स्थान को पुनर्जीवित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 15 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार रही लेकिन, कभी भी श्रीमंत शंकरदेव की भूमि के विकास के लिए कोई काम नहीं किया। लेकिन जनता ने पांच साल पहले भाजपा को सत्ता सौंपी तो हमारे दोनों नेताओं ने सैकड़ों सालों तक श्रीमंत शंकरदेव के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है।
¨उन्होंने कहा कि यह भूमि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भी भूमि है। अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों ने असम की अस्मिता के लिए अपनी जान दे दी। इस मौके पर उन्होंने असम के दो भारत रत्न डॉ भूपेन हजारिका और लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गोपीनाथ बरदलै के चलते ही असम भारत का हिस्सा बन पाया। स्वर्ण पदक विजेता हिमा दास का नाम लेते हुए कहा कि असम ने देश को बहुत कुछ दिया है। इसमें गायक, धर्म और खिलाड़ियों से लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शामिल हैं।