वाराणसी: जब धोती में कबड्डी खेलने लगे खिलाड़ी और संस्कृत में हुई कमेंट्री
संस्कृत में समीक्षा सुन आश्चर्य में पड़े लोग ठिठक कर देखते रहे खेल। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में स्नातक स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन।
वाराणसी। अनेन क्रीडकेन अपरः क्रीडकः गृहीतः इसका हिंदी शब्दार्थ है इस खिलाड़ी के द्वारा वह खिलाड़ी पकड़ लिया गया। जी हां यह कोई पूजा का मंत्र नहीं बल्कि कबड्डी की कमेंट्री है। मौका था सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय प्रांगण में शिक्षा मंत्रालय के प्रकल्प भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का। इस दौरान बटुकों को धोती में कबड्डी और संस्कृत में उसकी समीक्षा सुन बरबस ही लोग ठिठक जा रहे थे।
कबड्डी हमारे देश की पारंपरिक खेल है। आधुनिकता के इस दौर में खेल शारीरिक स्वास्थ्य एवं मानसिक विकास ही सफलता है। खेल व्यक्तिगत और सामाजिक कौशल के विकास के लिए उत्प्रेरक का कार्य करती है। इसको ही ध्यान रखकर भारतीय खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा शुक्रवार को स्नातक स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्नातक स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में छह टीमों ने सहभागिता की। प्रत्येक टीमों में 8-8 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। खेल का प्रारंभ स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तथा स्वामी स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय के मध्य हुआ। स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय की टीम ने टॉस जीता।
प्रथम मैच के प्रथम क्रम में दोनों टीमों ने समान अंक प्राप्त किया। प्रथम क्रम के समापन के बाद दोनों टीमों ने पक्षों का आदान प्रदान किया तथा इसके साथ ही द्वितीय क्रम का प्रारंभ हुआ। द्वितीय क्रम में स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तीन अंकों से विजयी हुई। दूसरा मैच विश्वेश्वर वेद भवनम् तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मध्य हुआ। प्रथम क्रम में विश्वेश्वर वेद भवनम् की टीम ने जीत हासिल की। इस पारी के द्वितीय क्रम में भी विश्वेश्वर वेद भवनम् ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की।
तीसरा मैच इंटरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट तथा वेद विद्यानिधि के मध्य हुआ। प्रथम क्रम में दोनों टीमों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 14-14 समान अंक अर्जित किए तथा दूसरे क्रम के लिए पक्षों का परिवर्तन किया। दूसरे क्रम में वेद विद्यानिधि की टीम ने २४ अंक से जीत हासिल की। तीनों मैचों के समापन के बाद स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, विश्वेश्वर वेद भवनम्, श्री स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की टीम सेमीफाइनल में गई।
फाइनल मैच स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तथा विश्वेश्वर वेद भवनम् के मध्य हुआ। जिसमें वेदांती वेद विद्यापीठ सर्वाधिक 24 अंक प्राप्त करके प्रथम विजेता तथा विश्वेश्वर वेद भवनम् ने 19 अंक अर्जित करने के साथ ही द्वितीय विजेता रही। अत्यंत रोचकता और आनंद के साथ निर्णायक पारी का प्रदर्शन चला। सबसे ज्यादा इस खेल की संस्कृत में कमेंट्री ने लोगों को आकर्षित किया। खेल उद्घोषक डॉ. आशीष मणि त्रिपाठी तथा श्री दवे अल्पेश पंकज भाई ने संपूर्ण खेल की कमेंट्री की। अनेन क्रीडकेन अपरः क्रीडकः गृहीतः ........ इस खिलाड़ी के द्वारा वह खिलाड़ी पकड़ लिया गया।
इयं कबड्डी क्रीड़ा प्रतियोगिता अतीव आनन्द प्रदा बलप्रदा बुद्धिप्रदां च विद्यते ...यह कबड्डी प्रतियोगिता अत्यंत आनंद प्रदान करने वाली तथा बल प्रदान करने वाली बुद्धि प्रदान करने वाली है। इस तरह से कमेंट्री होती रही और खेल रोचक होता गया। खेल निर्णायक के रूप में डॉ.जयंतपति त्रिपाठी तथा डॉ.दुर्गेश पाठक उपस्थित रहे। प्रो.दिनेश गर्ग विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में तथा प्रो.हरिप्रसाद अधिकारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।