जानिए जगन्नाथ मंदिर की 22 सीढ़ियों का रहस्य, आखिर क्या होता है तीसरी सीढ़ी पर पैर रखने से
क्या आप जानते हैं जगन्नाथ मंदिर की 22 सीढ़ियों का रहस्य और इसमें से तीसरी सीढ़ी पर पैर रखना क्यों माना जाता हैं वर्जित।
Jagannath Rath Yatra 2024: ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा की शुरुआत 7 जुलाई से होने वाली है जिसे लेकर भक्तों में काफी उत्साह है तो वही रथ यात्रा तैयारी अंतिम दौर में चल रही है। जगन्नाथ धाम को धरती का बैकुंठ कहते है भगवान श्रीहरि यहां वास तो यहां दर्शन करने मात्र से भक्तों की समस्या का हल मिल जाता है। भगवान जगन्नाथ के मंदिर की जो मान्यता काफी है वहीं पर इस मंदिर से जुड़े कई रहस्य आज विज्ञान से अनसुलझे हैं। इनमें ही क्या आप जानते हैं मंदिर की 22 सीढ़ियों का रहस्य और इसमें से तीसरी सीढ़ी पर पैर रखना क्यों माना जाता हैं वर्जित। चलिए जानते हैं।
जानिए क्यों नहीं रखते तीसरी सीढ़ी पर पैर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माने तो, जगन्नाथ मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते समय 22 सीढ़ियां पड़ती हैं और तीसरी सीढ़ी को यमशिला कहा गया है और इस सीढ़ी पर पैर रखने वाले व्यक्ति को यमलोक जाना पड़ता है। कहते हैं मंदिर में दर्शन करने के बाद लौटते समय इस तीसरी सीढ़ी पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पुण्य शून्य हो जाते हैं और यमलोक की प्राप्ति होती है. भक्तों से भूल न हो इसलिए मंदिर की इस तीसरी सीढ़ी का रंग काला किया गया है।
जानिए तीसरी पीढ़ी क्यों हुई वर्जित
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार यमराज भगवान जगन्नाथ के पास गए और उनसे कहा कि ‘हे प्रभु, इस मंदिर में आपके दर्शन करने से ही भक्तों के सभी पाप मिट जाते हैं और कोई भी यमलोक नहीं आता.’ ऐसे में मनुष्य पापों से मुक्ति के लिए जगन्नाथ पुरी पहुंच जाता है और दर्शन करते ही आसानी से उसके पाप मिट जाते हैं. यमराज की बात सुनकर भगवान जगन्नाथ ने कहा कि आप इस मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर स्थान ग्रहण करें. जो भी व्यक्ति मेरे दर्शन के बाद इस सीढ़ी पर पैर रखेगा उसके पुण्य मिट जाएंगे और यमलोक प्राप्त होगा।